छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में जून में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को दुर्ग जिले से गिरफ्तार कर लिया है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि यादव को राज्य के दुर्ग जिले में उनके आवास से पकड़ा गया और फिर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के मुख्यालय बलौदाबाजार लाया गया, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की कार्रवाई की खबर फैलने के बाद यादव के कई समर्थक दुर्ग के भिलाई नगर इलाके में उनके आवास के बाहर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। यादव भिलाई नगर निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधायक हैं।
अग्रवाल ने बताया कि बलौदाबाजार शहर में आगजनी मामले में कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज एक मामले के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यादव को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 20 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने यादव को बयान दर्ज करने के लिए कम से कम तीन बार बुलाया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
विधायक के समर्थकों ने लगाए नारे
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्ग पुलिस की सहायता से बलौदाबाजार पुलिस सुबह करीब सात बजे यादव के घर पहुंची, जिसके बाद विधायक के समर्थक वहां जमा हो गए। यादव के समर्थकों ने पुलिस को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने की कोशिश की और नारे लगाए। हालांकि शाम लगभग पांच बजे पुलिस यादव को अपने साथ ले गई।
विजय स्तंभ में तोड़फोड़ के बाद भड़की थी हिंसा
इस साल 15 और 16 मई की मध्यरात्रि को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में अमर गुफा के पास सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को अज्ञात व्यक्तियों ने तोड़ दिया था। दस जून को, 'जैतखाम' की कथित तोड़फोड़ के खिलाफ सतनामी समाज द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार शहर में भीड़ ने एक सरकारी कार्यालय भवन और 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी, जिसके कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी गई।
एनएसयूआई के सदस्य भी गिरफ्तार
सतनामी समाज द्वारा दशहरा मैदान में आयोजित प्रदर्शन के दौरान यादव सहित कांग्रेस नेताओं ने कथित तौर पर एक सार्वजनिक बैठक में भाग लिया था। दस जून की आगजनी के सिलसिले में पुलिस ने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम "रेजिमेंट" के सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया था। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि वह सरकार से नहीं डरते हैं और वह लोगों के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने भिलाई में कहा, ''राज्य सरकार बलौदाबाजार आगजनी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने सतनामी समाज के युवाओं और निर्दोष लोगों के लिए आवाज उठाने पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की। मैं सरकार से नहीं डरता और मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा।"
भूपेश बघेल ने किया विरोध
यादव ने कहा कि पिछले दिनों बलौदाबाजार पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर वह उसके सामने पेश हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और पुलिस से राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं करने को कहा। बघेल ने कहा, "पूरी घटना में सरकार और पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। घटना में भाजपा के पूर्व विधायक सनम जांगड़े की कथित भूमिका सामने आने के बावजूद भाजपा के किसी भी सदस्य से न तो पूछताछ की गई और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के वीडियो में साफ दिख रहा है कि यादव न तो मंच पर चढ़े और न ही वहां काफी देर तक इंतजार किया। देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष के चलते की गई है और हम इसका विरोध करते हैं। मैं पुलिस से कहना चाहता हूं कि द्वेष या राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।''
कोयला घोटाले में भी आरोपी हैं यादव
भूपेश बघेल ने कहा, ''हम कानूनी सुझाव लेंगे और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई तय करेंगे।'' यादव राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए कथित कोयला लेवी घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय और राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो /आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामलों में भी आरोपी हैं। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोग हैं तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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