छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा दांव खेला है। उन्होंने चुनावी साल में हनुमान जी के नाम पर बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि यह बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे पर सीधा प्रहार है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पहलवानों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी।
"रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी की होगी शुरुआत"
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी की शुरुआत की जाएगी, जिसके जरिए इस क्षेत्र की प्रतिभा को तैयार किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कुश्ती को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागपंचमी के मौके पर सोमवार को दो बड़ी घोषणाएं की। मुख्यमंत्री राज्य में मलखंब जैसे पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अकादमी की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कुश्ती जैसे पारंपरिक खेलों के लिए बेहतर वातावरण फिर से तैयार करना है। साथ ही राज्य की कुश्ती की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना है।
"योजना के जरिए इन अखाड़ों को पुनर्जीवन मिल सकेगा"
अधिकारियों ने बताया कि बजरंगबली प्रोत्साहन योजना के जरिए अखाड़ों का संरक्षण और संवर्धन भी हो सकेगा और जिन अखाड़ों में पहले पहलवानों की कुश्तियां दिखा करती थी, लेकिन अब वहां सूना रहता है, इस योजना के जरिए इन अखाड़ों को पुनर्जीवन मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी की भी शुरूआत की जाएगी। इस आकदमी के माध्यम से कुश्ती की प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जाएगा।
राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए तत्पर: CM
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल सोमवार को रायपुर के गुढ़ियारी में शंकर सेवा समिति द्वारा आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को नागपंचमी की बधाई दी और कहा कि नागपंचमी के अवसर पर पहले गांव-गांव में मलखंब, कबड्डी, कुश्ती आदि का आयोजन होते थे। पहलवान बड़ी संख्या में हिस्सा लेते थे। आज के दौर में ऐसे अवसर पर कुश्ती का आयोजन सराहनीय है। बघेल ने कहा, ''राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रही है। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग हिस्सा ले रहे हैं। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए तत्पर है।''