छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक जुनेजा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में खत्म हो रहा है। ऐसे में राज्य के नए डीजीपी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। अशोक जुनेजा काफी पहले रिटायर होने वाले थे, लेकिन उन्हें लगातार सेवा विस्तार मिलता रहा। हालांकि, अब इसकी नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही अगले डीजीपी के लिए तीन नाम केंद्र सरकार को भेज चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अरुण देव गौतम, पवन देव और हिमांशु गुप्ता का नाम केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्र सरकार इन तीन में से किसी भी अधिकारी को राज्य का अगला डीजीपी नियुक्त कर सकती है।
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जिन तीन अधिकारियों का नाम डीजीपी के लिए भेजा गया है। वह तीनों अधिकारी पहले ही डीजी प्रमोट हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के पैनल में एसआरपी कल्लूरी और प्रदीप गुप्ता का नाम भी रखा गया था, लेकिन केंद्र सरकार को भेजे गए पैनल में इनका नाम नहीं है।
5 फरवरी के खत्म होगा जुनेजा का कार्यकाल
छत्तीसगढ़ पुलिस के मौजूदा महानिदेशक अशोक जुनेजा का कार्यकाल पांच फरवरी को खत्म हो रहा है। उनका कार्यकाल इसी साल अगस्त के महीने में खत्म होने वाला था, लेकिन उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया गया। ऐसे में वह फरवरी में रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले भूपेश बघेल की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने भी अशोक जुनेजा को सेवा विस्तार दिया था। अशोक जुनेजा 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। अशोज जुनेजा मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। साल 2000 में मध्य प्रदेश का बंटवारा होने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में रहने का फैसला किया। इसके बाद बिलासपुर में एसपी और रायपुर में एसएसपी के पद पर रहे। बिलासपुर और दुर्ग संभाग के आईजी भी रहे। नवंबर 2021 में प्रभारी डीजीपी और अगस्त 2022 में पूर्णकालिक डीजीपी बनाए गए।
क्यों मिला सेवा विस्तार
अशोक जुनेजा ने छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था कायम करने और नक्सलवाद को कम करने के लिए काफी काम किया है। यही वजह है कि राज्य की सरकारें बदलती रहीं, लेकिन अशोक जुनेजा अपने पद पर बने रहे। भूपेश बघेल ने भी उन्हें सेवा विस्तार दिया और विष्णुदेव साय ने भी। अशोक जुनेजा के कारण ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार एक्शन हो रहे हैं। अब उनके प्रयासों का असर दिख रहा है। हालांकि, नक्सवाद खत्म करने के लिए वह काफी पहले से काम कर रहे हैं।