Sunday, March 23, 2025
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अमित शाह का वादा पूरा करने के लिए साय सरकार का खास प्लान, जानें कैसे खत्म कर रहे नक्सलवाद

छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों का एनकाउंटर कराने के अलावा नक्सलवाद छोड़ने वाले लोगों की मदद भी कर रही है। इसी वजह से अच्छे जीवन की तलाश में नक्सली समर्पण कर रहे हैं और नए नक्सली बनने बंद हो रहे हैं।

Edited By: Shakti Singh
Published : Mar 22, 2025 23:50 IST, Updated : Mar 22, 2025 23:50 IST
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Image Source : PTI सर्च ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ के जवान

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में वादा किया है कि अगले साल मार्च के महीने तक देश पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। देश के अधिकतर राज्यों में यह समस्या पहले ही खत्म हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में अभी भी नक्सली बचे हुए हैं। नक्सलियों का खात्मा करने के लिए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने खास प्लान बनाया है। छत्तीसगढ़ सरकार माओवादी हिंसा के शिकार नागरिकों को जमीन आवंटित कर रही है और नक्सल विरोधी अभियानों में सहायता करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा भी दे रही है। इसी वजह से राज्य में नक्सलवाद खत्म हो रहा है। 

हाल ही में छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने नई व्यापक आत्मसमर्पण और पीड़ित पुनर्वास नीति स्वीकृत की है। शनिवार को एक अधिकारी ने बताया कि ‘छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025’ का उद्देश्य नक्सल हिंसा के पीड़ितों को अधिक मुआवजा, मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और नौकरी के अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने के लिए पुनर्वास और कानूनी सहायता मिलेगी।

सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के बीच संतुलन जरूरी

नई नीति का प्राथमिक उद्देश्य नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की सहायता करना और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में फिर से शामिल करना है। अधिकारी ने बताया कि सरकार का मानना ​​है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के बीच संतुलन जरूरी है। नक्सल विरोधी अभियानों में पुलिस की विशेष सहायता करने वाले 'गोपनीय सैनिकों' (पुलिस मुखबिरों) की मृत्यु के मामले में दिए जाने वाले मुआवजे को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये (केंद्रीय योजनाओं के तहत देय मुआवजे के अतिरिक्त) कर दिया गया है। इसी तरह, ऐसे व्यक्ति को स्थायी विकलांगता के मामले में दिए जाने वाले मुआवजे को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। 

पीड़ित परिवारों को मिलेगी 1.5 हेक्टेयर जमीन

नागरिकों की हत्या, गंभीर चोट या स्थायी विकलांगता के मामले में, पीड़ितों या परिवारों को 1. 5 हेक्टेयर कृषि भूमि या शहरी क्षेत्रों में 4 डेसीमल (1,742 वर्ग फीट) आवासीय भूमि प्रदान की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि यदि भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पीड़ितों को 4 लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों में 8 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई पीड़ित परिवार घटना के तीन साल के भीतर कृषि भूमि खरीदता है, तो उन्हें अधिकतम दो एकड़ जमीन की खरीद पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से पूरी छूट मिलेगी। नागरिकों की मृत्यु के मामले में, यदि परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है, तो 15 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी (पति/पत्नी को 10 लाख रुपये और माता-पिता को 5 लाख रुपये)। 

विशेष रोजगार योजनाएं भी शुरू की

सरकार ने नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए विशेष रोजगार योजनाएं भी शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई पीड़ित निजी क्षेत्र की नौकरी प्राप्त करता है, तो सरकार पांच साल तक वेतन का 40 प्रतिशत भुगतान करेगी, जिसकी सीमा 5 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी। पीड़ित परिवारों के बच्चों को प्रयास आवासीय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिलेगी। यदि वे निजी स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं, तो उन्हें शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत आरक्षित सीटों में प्राथमिकता मिलेगी। इसके अतिरिक्त, उच्च शिक्षा या तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को 25,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिलेगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 50,000 रुपये नकद सहायता मिलेगी। उन्हें आत्मसमर्पण किए गए हथियार के लिए 'प्रोत्साहन राशि' भी प्रदान की जाएगी। 

नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर नकद सहायता

एलएमजी (लाइट मशीन गन) के लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये, एके-47 राइफल के लिए 4 लाख रुपये, इंसास या एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) राइफल के लिए 2 लाख रुपये आदि मिलेंगे। अविवाहित नक्सली या जिसका जीवनसाथी जीवित नहीं है, उसे विवाह के लिए तीन साल के भीतर 1 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। 5 लाख रुपये या उससे अधिक का इनाम रखने वाले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 दशमलव (1742 वर्ग फीट) जमीन या ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि आवंटित की जाएगी। यदि जमीन उपलब्ध नहीं कराई जा सकी तो अचल संपत्ति खरीदने के लिए 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 5 किलोग्राम या उससे अधिक वजन वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की जब्ती में मदद करने पर 15,000 रुपये और 10 किलोग्राम या उससे अधिक वजन वाले आईईडी की जब्ती पर 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 

पूरे समूह ने आत्मसमर्पण किया तो मिलेंगे एक करोड़

अधिकारी ने बताया कि इसी तरह, नक्सलियों के बड़े भंडार (जिसमें हथियार निर्माण के लिए आवश्यक उपकरण, स्वचालित हथियार, 20 किलोग्राम या उससे अधिक विस्फोटक शामिल हैं) की बरामदगी पर एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रतिबंधित संगठन में उनके रैंक के अनुसार निचले स्तर के नक्सलियों के लिए पुरस्कारों में भी संशोधन किया है। किसी भी ग्राम पंचायत में सक्रिय सभी नक्सली सदस्यों और मिलिशिया के आत्मसमर्पण करने पर एक करोड़ रुपये के विकास कार्य स्वीकृत किए जाएंगे। (इनपुट-पीटीआई)

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