बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की कार्यवाही का एक वीडियो लोगों के बीच के चर्चा का विषय बना हुआ है। अदालत में पुलिस द्वारा एक चर्चित आत्महत्या के मामले में आरोपियों को बचाने की फिराक में लगे पुलिस अफसर को फटकार लगाते हुए जज ने तल्ख टिप्पणी करते हुए मामले में दोषियों के खिलाफ रजिस्टर्ड FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। बताया गया है कि भूमाफिया अकबर खान और दीपेश चौकसे को बचाने की फिराक में पुलिस ने तमाम साक्ष्य होने के बाद भी अपराध रजिस्टर्ड नहीं किया था।
जज साहब ने की तल्ख टिप्पणी
इसके बाद अदालत ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए C.S.P संदीप पटेल को कहा कि किस राजनैतिक दवाब में अकबर खान सहित दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। हाईकोर्ट के जज नरेन्द्र कुमार ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “मेरे को रजिस्टर्ड FIR चाहिए। ऐसा क्यों हो जाता है कि बड़े लोगों के ऊपर आप FIR करने से चूक ही जाते हो? अगर मैने कार्यवाही करते हुए लिख दिया ना... तो CSP संदीप पटेल साहब परेशानी मे आ जाओगे”
नागवंशी आत्महत्या मामले से जुड़ा है केस
जज साहब की इतनी कड़ी फटकार लगने के बाद CSP संदीप पटेल के सुर बदल गये और तुरंत नोटरी के साथ FIR करने को कहने लगे और अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की। गौरतलब है कि सिद्धांत नागवंशी आत्महत्या मामले में भी जज साहब ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस केस को उसी केस से जुड़ा हुआ बताया। साथ ही साथ उन्होंने CSP संदीप पटेल को डांटते हुए अपनी पहनी हुई वर्दी की इज्जत करने की सलाह दी।
उच्च न्यायलय ने कई मामलों का लिया स्वतः संज्ञान
बता दें कि बिलासपुर उच्च न्यायलय द्वारा अभी हाल ही में ही मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जनहित से जुड़े मुद्दे, चाहे वह सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स का हो या फिर रेल विभाग से जुड़ा मामला हो। कोर्ट द्वारा इन मामलों में स्वयं संज्ञान लेकर जिस प्रकार व्यवस्था को चलाने वाले ज़िम्मेदारों पर तल्ख टिप्पणी की जा रही है, उसकी भी आम जनता जमकर सराहना कर रही है।
(रिपोर्ट- सिकंदर खान)
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