छत्तीसगढ़ सरकार नक्सिलयों के लिए बड़ा दिल दिखा रही है, वह चाह रही की रास्ता भटक गए युवाओं को वह घर वापसी का रास्ता दिखाएं। इसी कारण सरकार ने नक्सलवाद का खात्मा करने के लिए एक नई पॉलिसी बनाई है। इसमें सरकार ने नक्सलियों को पुलिस का भय नहीं बल्कि सरकार का उदार दिल दिखाकर वापस मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश की है। इस पॉलिसी में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।
हर माह 10 हजार और इनामी राशि भी मिलेगी
गृहमंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों को सरेंडर करने पर हर माह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही सरेंडर करने वाले इनामी नक्सलियों पर जो इनाम होती है, वह भी नक्सलियों को ही दी जाएगी। बता दें कि अब तक यह राशि इनामी नक्सलियों को पकड़ने वाली सुरक्षा बलों की टीम में बांट दी जाती थी।
सिखाए जाएंगे रोजगार के गुर
इसके अलावा, आगे की जीवन यापन सही से हो इसके लिए तमाम तरह की सुविधाएं भी दी जाएंगी, जैसे-जमीन, घर या फिर रोजगार से जुड़े संसाधन। साथ ही अलग जगह रखकर नक्सलियों को काम के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे सरेंडर करने वाले नक्सली अपना आगे का जीवन अच्छे से जी पाएंगे।
आगे नीतियों के बारे बताते हुए डिप्टी सीएम मुस्कुरा कर बोले कि ये फायदे सुनने के बाद मुझसे एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा था कि ऐसे में तो नक्सली बनना ही अच्छा है।
2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद
गौरतलब है कि हाल ही छत्तीसगढ़ दौरे पर आगे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता के बीच कहा था कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। इसके बाद पुलिस ने राज्य में एनकाउंटर और नक्सिलियों की खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी। सरकार ने दावा किया था कि एक साल में 212 से ज्यादा नक्सली सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गए हैं। जो पिछले 5-5 साल में नहीं हुए थे।