छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। हालांकि, तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। सतनामी समाज के धार्मिक गुरु बालदास साहेब और उनके बेटे गुरु खुशवंत दास साहेब समेत कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
कांग्रेस पर लगाया आरोप
बालदास साहेब ने कांग्रेस पर सामाजिक उपेक्षा और भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने समाज के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। पार्टी में उन्हें कोई सम्मान नहीं मिला। बालदास साहेब के साथ ही गुरु असंभ दास साहेब, गुरु द्वारका दास साहेब, सतनामी समाज के गुरु सौरभ दास साहेब समेत अन्य नेता भी बीजेपी में शामिल हुए हैं।
रमण सिंह रहे मौजूद
बालदास साहेब और अन्य धार्मिक गुरुओं के भाजपा में शामिल होने के समय छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, रायपुर सांसद सुनील सोनी और छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव भी उपस्थित थे।
बेटे चाहते हैं टिकट
बालदास साहेब और अन्य नेताओं का राज्य की अनुसूचित जाति (एससी) सीटों पर विशेष प्रभाव है। राज्य में 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही राज्य की करीब 50 फीसदी सीटों पर भी एससी वर्ग का सीधा प्रभाव है। रिपोर्ट की मानें तो बालसाहेब के बेटे गुरु खुशवंत साहेब ने बीजेपी से कहा है कि वह आरंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
साल के आखिर में चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए साल के आखिर में चुनाव आयोजित होने वाले हैं। भाजपा की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी गई है। भाजपा ने सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन सीट से उनके भतीजे और सांसद विजय बघेल को टिकट दिया है।
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