छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को सात महिला नक्सलियों समेत 23 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय थे। उन्होंने बताया कि नक्सली पुलिस के पुनर्वास अभियान 'लोन वर्राटू' से प्रभावित हैं तथा माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों के खिलाफ सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ काटकर गिराने तथा नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने का आरोप है।
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, जून 2020 में शुरू किए गए पुलिस के 'लोन वर्राटू' (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान के तहत अब तक 177 इनामी नक्सली सहित कुल 761 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है। इससे पहले इस महीने की 24 तारीख को जिले में तीन महिला नक्सलियों समेत 18 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
अमित शाह ने की थी रैली
बता दें कि इससे पहले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के बेमेतरा पहुंचे थे। यहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण नक्सलवाद का पालन पोषण किया। 2014 में मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने, 10 वर्ष के अंदर पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त हुआ। लेकिन छत्तीसगढ़ में बच गया क्योंकि यहां भूपेश काका की पंजा छाप सरकार थी। जब आपने विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। 4 महीने के अंदर ही प्रदेश से 90 नक्सलियों को समाप्त किया, 123 लोग अरेस्ट किए गए और सवा दो सौ लोग हथियार छोड़कर शरण में आए।
(इनपुट-भाषा)