छत्तीसगढ़ में ‘यूनिटी मॉल’ परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) मॉडल को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय उत्पादों के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए इस मॉल की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 200 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये राज्य को पूंजीगत व्यय के तहत अग्रिम रूप में प्रदान किए गए हैं।
स्थानीय उत्पादों और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्र सरकार की इस स्वीकृति पर कहा कि ‘यूनिटी मॉल’ की स्थापना से स्थानीय हस्तशिल्पियों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि मॉल में उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय होने से हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य के छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों और बुनकरों को लाभ मिलेगा। साय ने कहा कि यह स्थानीय उत्पादों के प्रचार और विक्रय के लिए ‘वन स्टॉप मार्केट प्लेस’ के रूप में कार्य करेगा।
इन मायनों में खास है ये मॉल-
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मॉल राज्य के गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं, और नारी शक्ति के विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम है।
- सीएम ने कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा और यह ‘मेक इन इंडिया’ और राष्ट्रीय एकता को भी प्रोत्साहित करेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशवासियों के विकास के साथ राष्ट्रीय एकीकरण और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों को अपनी प्राथमिकता मानती है।
- उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित किये जाने वाले मॉल में अन्य सभी राज्यों के महत्वपूर्ण स्थानीय उत्पादों का भी प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी और विभिन्न राज्यों के बीच आर्थिक तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा।
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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