रायपुरः छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा में कथित अनियमितता की शिकायत के बाद इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां ‘मंत्रालय’ में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2021 के संबंध में प्राप्त अनियमितताओं की शिकायतों के परिपेक्ष्य में विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को प्रकरण प्रेषित किए जाने का निर्णय लिया है।
भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा-2021 के अंतर्गत 12 विभागों के 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई है। छत्तीसगढ़ में 2021 में हुई लोक सेवा आयोग की परीक्षा के परिणाम आने के बाद परीक्षार्थियों ने बड़ी संख्या में मेधा सूची में अधिकारियों और नेताओं के बच्चों का चयन होने की शिकायत की थी।
चुनाव में बीजेपी ने किया था वादा
हाल में हुए विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और वादा किया था कि राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच कराई जाएगी। उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। पार्टी ने यह भी वादा किया था कि राज्य में पीएससी की परीक्षा में पारदर्शिता बरती जाएगी और संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर राज्य पीएससी की परीक्षा कराई जाएगी।
धान खरीदने का भी फैसला हुआ
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य के किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल के इस फैसले से राज्य शासन द्वारा किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदने का वादा पूरा हो गया है। धान खरीदने का यह वादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘गारंटी’ में भी शामिल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के अंत्योदय और प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें आगामी पांच वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया है। उनके मुताबिक, इससे राज्य के 67 लाख 92 हजार 153 राशन कार्डधारक परिवार लाभान्वित होंगे और उन्हें आगामी पांच सालों तक राशन की दुकानों से निःशुल्क चावल मिलेगा।
(इनपुट-भाषा)