छत्तीसगढ़ में कद्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि चुनाव के पहले अरविंद नेताम का यह इस्तीफा कांग्रेस और आदिवासियों के बीच बड़ा खलल पैदा कर सकता है। अरविंद नेताम ने इस्तीफा देने के लिए विश्व आदिवासी दिवस का दिन चुना। 9 अगस्त को राजधानी रायपुर में अरविंद नेताम के नेतृत्व में प्रदेशभर से आदिवासियों ने रैली की और विश्व आदिवासी दिवस को मनाया। अब अरविंद नेताम का इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
अरविंद नेताम ने क्यों दिया इस्तीफा?
सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताते हुए लिखा है कि 5 साल पहले तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर, अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती देने की हमेशा कोशिश की है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस में हमेशा से असहयोग भरे रवैया के कारण काफी निराशा हुई है। अरविंद नेताम ने अपने इस्तीफे में यह भी लिखा है कि प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा प्रदान किए संवैधानिक अधिकारों और पेसा कानून में आदिवासी समाज को जल जंगल जमीन में ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस प्रकार से यह आदिवासी विरोधी सरकार है।
2018 में दोबारा कांग्रेस में की थी वापसी
बता दें कि 4 बार के सांसद अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे हैं। 1996 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी और फिर 1998 में कांग्रेस में लौट आए थे। 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आदिवासी नेता पीएम संगमा का समर्थन किया तो उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 2018 में नेताम ने दोबारा कांग्रेस में वापसी की थी।
विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ी रैली
9 अगस्त को राजधानी रायपुर में सर्व आदिवासी समाज ने बड़ी रैली करते हुए विश्व आदिवासी दिवस मनाया है। यह रैली आदिवासियों के चुनावी ताल ठोंकने की थी, इसी रैली के बाद अरविंद नेताम ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी को भेज दिया। अरविंद नेताम ने बताया कि आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। हसदेव और सिलगेर मामले पर सरकार कि आदिवासियों के प्रति कोई चिंता नहीं है। पार्टी ने आने वाले समय पर 50 सीटों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। इसमें से 30 सीट आरक्षित हैं और वहीं 20 सीट ऐसी है जहां पर आदिवासियों का दबदबा है, यानी 60 से 80 हजार तक वोटर आदिवासी है।
(रिपोर्ट- सिकंदर खान)
यह भी पढ़ें-