केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के नक्सली हमलों के पीड़ितों से दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान अमित शाह ने कहा, पीएम मोदी ने तय किया है कि देश से नक्सली हिंसा और नक्सली विचारधारा का सफाया किया जाएगा। उन्होंने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने और हथियार डालने तथा आत्मसमर्पण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर नक्सली हिंसा छोड़ने की मेरी अपील नहीं मानते हैं तो हम जल्द ही उनके खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करेंगे। हम इस देश से नक्सलवाद और नक्सलवाद के विचार को जड़ से उखाड़ फेकेंगे और शांति स्थापित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह का संबोधन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, नरेंद्र मोदी सरकार बस्तर के 4 जिलों को छोड़कर पुरे देश में नक्सलवाद को खत्म करने में सफल रही है। इस देश में नक्सलवाद को अंतिम विदाई देने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की गई है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उससे पहले नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि हम नक्सलवाद को खत्म करेंगे। मैं (नक्सलियों) से अपील करता हूं कि वे कानून के सामने आत्मसमर्पण करें। अपने हथियार को छोड़ दें। पूर्वोत्तर और कश्मीर में कई जगहों पर कई लोगों ने अपने हथियार छोड़ दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
नक्सलवाद का होगा खात्मा
अमित शाह ने कहा कि मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आपका भी स्वागत है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम इसके खिलाफ अभियान शुरू करेंगे और इसमें सफलता भी मिलेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों के एक समूह ने अपने इलाके में न्याय और शांति की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। ‘बस्तर शांति समिति’ के बैनर तले समूह ने कर्तव्य पथ से अपना प्रदर्शन शुरू किया और दोपहर तक जंतर-मंतर पहुंचा। बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाडे ने कहा, ‘‘हम दशकों से नक्सली हिंसा से पीड़ित हैं। हमारे गांव तबाह हो गए हैं और हमारा क्षेत्र विकास से वंचित रह गया है।’’ कवाडे ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि बस्तर की आवाज सुनी जाए और हमारे लोगों को लगातार हो रही इस हिंसा से मुक्त कराया जाए।’’
(इनपुट-भाषा