छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस साल अब तक कम से कम 80 नक्सली मारे गए हैं। 125 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 150 ने आत्मसमर्पण किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2004-14 की तुलना में 2014-23 में देश में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है और इस अवधि में मौतों की संख्या 69 प्रतिशत कम होकर 6,035 से 1,868 हो गई है।
इस साल 80 नक्सली मारे गए
एक अधिकारी ने कहा कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय की सरकार के गठन के बाद से सक्रिय अभियान चलाए गए हैं और इसके परिणामस्वरूप जनवरी से कम से कम 80 नक्सली मारे गए हैं और 125 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 150 ने आत्मसमर्पण किया है। पिछले साल के अंत में, नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को माओवादियों के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चलाने का निर्देश दिया था। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने राज्य में अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ में कुछ वरिष्ठ सदस्यों सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया था।
नक्सली घटनाओं में आई कमी
वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ छत्तीसगढ़ की लड़ाई के इतिहास में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या किसी एक मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के लिहाज से अब तक की सर्वाधिक संख्या है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में वर्ष 2004-14 की तुलना में 2014-23 में कमी आई है, जो 14,862 से घटकर 7,128 रह गई हैं। इसके मुताबिक, वामपंथी उग्रवाद के कारण सुरक्षाकर्मियों की मौतों की संख्या वर्ष 2004-14 में 1,750 से 72 प्रतिशत घटकर 2014-23 के दौरान 485 रही है। इसी अवधि में आम नागरिकों की मौतों की संख्या 68 प्रतिशत घटकर 4,285 से 1,383 हो गई है। (इनपुट- भाषा)
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