
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शनिवार को एक तरफ जहां सुकमा जिले में मुठभेड़ के दौरान जवानों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया, वहीं अब दंतेवाड़ा में भी 15 माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।
लोन वर्राटू के तहत किया सरेंडर
अधिकारियों ने बताया कि जिले में जारी ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आइए) अभियान से प्रभावित होकर 15 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सिक्का उर्फ भीमा मंडावी प्रतिबंधित माओवादी संगठन के पोटाली आरपीसी के तहत जनताना सरकार का प्रमुख था। उन्होंने बताया कि 14 अन्य नक्सल संगठन की विभिन्न शाखाओं के तहत निचले स्तर के माओवादी हैं।
कई घटनाओं में शामिल थे नक्सली
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली और अमानवीय विचारधारा से निराश होकर तथा राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इन पर अपने-अपने क्षेत्र में सड़क खोदने, नक्सली बैनर, पोस्टर लगाने तथा अन्य घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
दी जाएगी सहायता राशि
अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 221 इनामी सहित कुल 927 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
सुकमा में 16 नक्सली ढेर
बता दें कि शनिवार को ही छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया। वहीं दो जवान घायल भी हो गए। इस घटना को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद पर एक और प्रहार बताया। इसके साथ ही उन्होंने 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया। (इनपुट- पीटीआई)
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