वॉशिंगटन: विश्व बैंक ने कहा कि इस साल ग्लोबल ग्रोथ रेट कम रहेगा। माना जान रहा है अगर ऐसा हुआ तो आर्थिक मंदी दुनिया को अपने चपेट में ले सकती है। विश्व बैंक ने साथ ही दुनिया के देशों को अपनी कमर कसने के उपाय भी सुझाव में दिया क्योंकि ऐसी स्थिति में उनको उच्च अमेरिकी ब्याज दरों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इसका भारत पर असर नहीं होगा।
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और वरिष्ठ अध्यक्ष ने कल वैश्विक आर्थिक संभावना रपट जारी करने के बाद कहा ‘‘इस साल 7.5 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि के साथ भारत पहली बार विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वृद्धि की संभावना के लिहाज से सबसे आगे है।’’
विश्व बैंक ने ब्राजील, रूस और संयुक्त राज्य की ग्रोथ रेट कम होने की भविष्यवाणी की है। जिससे दुनिया में आर्थिक मंदी की चेतावनी बताई जा रही है वहीं भारत को लेकर सकारात्मक भविष्यवाणी की। विश्व बैंक का कहना है कि इस साल सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी का ग्रोथ रेट हासिल करेगी जो कि 6.4 फीसदी इसकी पहले की भविष्यवाणी से काफी अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विकसित देशों की वृद्धि दर अब इस साल 4.4 प्रतिशत, 2016 में 5.2 प्रतिशत और 2017 में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में सतर्क प्रबंधन के बीच नरमी बरकरार है और इस साल इसकी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रह सकती है। भारत जो पेट्रोलियम आयातक है, में सुधार से भरोसा बढ़ा है और पेट्रोलियम मूल्य में गिरावट से संवेदनशीलता कम हुई है जिससे 2015 में अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने का रास्ता साफ हुआ।