नई दिल्ली: प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की और विश्व बैंक ने नए समाधानों को पहचानने और उनका बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए भारतीय रचनात्मकता, विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाने हेतु सोमवार को अपनी साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी का उद्देश्य मिलिनेयिम एलायंस (एमए) को उन्नत बनाना है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, "एमए एक समावेशी मंच है, जिसका उद्देश्य भारत में विकास चुनौतियों से निपटने के लिए जांचे-परखे गए नए समाधानों को पहचानने के लिए भारतीय रचनात्मकता, विशेषज्ञता और संसाधनों की पहचान करनी है।"
यह समझौता फिक्की के महासचिव ए.दीदार सिंह और विश्व बैंक के भारत में निदेशक ओन्नो रुहल के बीच हुआ। इसके जरिए स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ ऊर्जा और कृषि जैसे पहचाने गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्थायी और व्यापक नए समाधानों में सहयोग की एक साझा प्रतिबद्धता को मूर्त रूप दिया जाएगा।
विश्व बैंक और फिक्की भारत में सामाजिक उद्यम क्षेत्र के विकास को सहयोग करने के लिए एक साथ आगे आए हैं।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) और फिक्की ने संयुक्त रूप से जुलाई 2012 में एमए को पेश किया था।