नई दिल्ली: स्वर्ण योजनाओं के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी का स्वागत करते हुए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने आज कहा कि इससे लोगों के पास रखे सोने के स्टॉक का मौद्रीकरण करने में मदद मिलेगी और सोना वित्तीय प्रणाली का आंतरिक हिस्सा बन जाएगा। WGC ने यह मांग भी की कि गोल्ड बॉन्ड और मौद्रीकरण योजनाओं को ग्राहकों के लिए आकर्षक बनाया जाना चाहिए और फिर इसकी अच्छी तरह से मार्केटिंग की जानी चाहिए।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज स्वर्ण मौद्रिकरण योजना को मंजूरी दी। इसका लक्ष्य अनुमानित 20,000 टन बेकार पड़े सोने को बैंकिंग तंत्र और गोल्ड बांड स्कीम के तहत लाना है। इसके तहत जिन लोगों के घरों में सोना रखा है, वो बैंक के पास इसे जमा कर सकते हैं। यह छोटी से लंबी अवधि के लिए होगा। इस पर सरकार ब्याज देगी।
सॉवरेन गोल्ड बांड: 500 ग्राम तक सोना खरीदने को मंजूरी
कैबिनेट ने सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम को मंजूरी दे दी है। सॉवरेन गोल्ड बांड का उद्देश्य सोने की फिजिकल मांग को कम करना है। यह बांड 5 से 7 साल की अवधि के होंगे। केवल भारतीय कंपनियां सॉवरेन गोल्ड बांड खरीद सकेंगी। गोल्ड बांड प्लान में कोई भी निवेशक 500 ग्राम से अधिक सोना नहीं खरीद सकता है। इस बांड पर ब्याज दर का फैसला समय-समय पर किया जाएगा।