नई दिल्ली: वेल्थ टैक्स के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। काफी कम लोग यह टैक्स अदा करते हैं। अगर किसी ऐसेट की मार्केट वैल्यू 30 लाख से ज्यादा है, तो उस पर यह टैक्स लगता है। ऐसेट की कुल वैल्यू का 1 फीसदी वैल्थ टैक्स के रूप में देना पड़ता है। वेल्थ टैक्स अनप्रॉडक्टिव, गैर-जरूरी और बेकार ऐसेट्स को टारगेट करता है। भारतीय निवेशकों में दो तरह के ऐसेट्स-प्रॉपर्टी और गोल्ड को लेकर जबर्दस्त दीवानगी है। अगर आपने दूसरा घर खरीदा है और इसे रेंट पर नहीं दिया है, तो वेल्थ टैक्स लायबलिटी में प्रॉपर्टी की वैल्यू शामिल हो जाएगी। हालांकि, इस प्रॉपर्टी को खरीदने की खातिर लिए गए लोन की बकाया राशि इसमें से घटा दी जाएगी। सिल्वर और गोल्ड पर भी वेल्थ टैक्स लगता है।
क्या होता है वेल्थ टैक्स-
वित्त वर्ष में अगर संपत्ति 30 लाख रुपए से ऊपर हो तो वेल्थ टैक्स लग सकता है। वेल्थ टैक्स मकान, गाड़ी, ज्वेलरी, नाव, बोट, एयरक्राफ्ट और शहर में जमीन होने पर लगता है। इसके अलावा अगर इंडिविजुअल/एचयूएफ के पास 50,000 रुपए से ज्यादा कैश हो तब भी वेल्थ टैक्स लगता है। व्यक्ति, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली यानि एचयूएफ और कंपनी को 1 साल में 1 फीसदी वेल्थ टैक्स भरना पड़ता है।