नई दिल्ली: नौकरीपेशा लोग आमतौर पर इस बात से अनजान होते हैं कि उनके नौकरी करने के सबूत के तौर पर भी एक फॉर्म भरवाया जाता है। दो तरीके के फॉर्म यह बताने के लिए काफी हैं कि आप किसी संस्थान में फलां पद पर कार्यरत हैं। इन फॉर्म के इस्तेमाल से कंपनी के जरिए आपको मिलने वाली तमाम सेवाओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही इनके जरिए आप यह जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं कि आपकी CTC से किन-किन मदों में कटौती की जा चुकी है।
क्या होते हैं फॉर्म 16?
आप नौकरी करते हैं इस बात का प्रमाण यह फॉर्म 16 होता है। इसके लिए आपकी सैलरी से टीडीएस काटा जाता है।
टीडीएस सर्टिफिकेट (TDS Certificate)
अगर सैलरी के अलावा किसी अन्य स्रोतों से भी आपको आमदनी हुई हो और उस पर टीडीएस कट चुका हो तो उस संस्था से भी टीडीएस सर्टिफिकेट ले लें। यह बात हम रेंटल इनकम, शेयर, एफडी वगैरह से होने वाली इनकम के मामले में कह रहे हैं।
फॉर्म 16 स्टेटमेंट होता है जिसे कोई कंपनी अपने कर्मचारी को साल पूरा होने पर जारी करती है। इस पत्र में कर्मचारी की संपूर्ण आय, टैक्स के रूप में हुए डिडक्शन, अलाउंस और 80 सी (टैक्स से राहत देने और बचत को उत्साहित करने के लिए बनी धारा) के तहत दाखिल किए गए प्रमाण का संपूर्ण विवरण होता है। यह संस्था या कंपनी द्वारा तभी जारी किया जाता है जब एक कर्मचारी की आय टैक्सेबल इंकम के अन्तर्गत आती है। आय से टैक्स के रूप में डिडक्ट की गई राशि को टीडीएस भी कहते हैं। इसी फार्म से पता चलता है कि कंपनी ने टैक्स के रूप में कितना डिडक्शन किया है जो कि टैक्स रिटर्न भरते वक्त काम आता है। कई बार लोग कंपनी से फॉर्म 16 न देने के लिए शिकायत भी करते हैं। ऐसा होने पर आप आयकर विभाग में इसकी शिकायत कर सकते है क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि कंपनियां टीडीएस डिडक्ट करने के बावजूद आयकर विभाग में इसे जमा नहीं करती हैं। जो कि एक बड़ा अपराध है, कंपनी या संस्था जितना कर अपने कर्मचारियों से लेती है उसे उतना आयकर विभाग में डिपॉजिट करना चाहिए। यह मुख्यत: कंपनी और बैंक की ही जिम्मेदारी होती है कि वह फॉर्म 16 कर्मचारियों को जारी करें।
क्या होते हैं फॉर्म 16A
फॉर्म 16A एक ऐसा फॉर्म होता है जो बताता है कि आपके वेतन से कुछ फीसदी हिस्सा काट कर आयकर विभाग में जमा कर दिया गया है। आयकर कानून के मुताबिक एक वित्तीय वर्ष के दौरान 30,000 से ऊपर के भुगतान पर टीडीएस कटौती की जाएगी नहीं तो इसपर छूट दी मिलेगी।
टीडीएस अन्य मदों पर भी कटता है मसलन ब्याज पर और मकान किराए पर और यह सरकार द्वारा तय की गई दर पर ही काटा जाता है।
जब टीडीएस वेतन पर कटता है तो फॉर्म 16 इस्तेमाल होता है जो सालाना जारी किया जाता है। जबकि टीडीएस अगर अन्य पेमेंट पर कटता है तो फॉर्म 16A का इस्तेमाल किया जाता है और इस फॉर्म का सर्टिफिकेट साल में हर तीसरे महीने जारी किया जाता है।
फॉर्म 16A इंकम टैक्स की धारा 203, 1961 के तहत जारी किया जाता है। इसमें
1. नाम, पैन नंबर और डिडक्टर का TAN नंबर
2. डिडक्टी का नाम और पैन नंबर
3. रकम, नेचर और डेट ऑफ पेमेंट
4. टीडीएस पेमेंट की रसीद