नई दिल्ली: महिलाओं की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देने वाली लिपस्टिक सिर्फ सौंदर्य प्रसाधन तक ही सीमित नहीं होती आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते कुछ सालों पहले होंठो पर सजने वाली लिपिस्टिक भी देश के आर्थिक हालात का पूरा लेखा-जोखा बताने के लिए काफी थी यह बात आपको सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग सकती है, लेकिन सच यह है कि कुछ सालों पहले लिपिस्टक को सिर्फ प्रोडक्ट नहीं बल्कि आर्थिकी को दर्शाने वाला एक इंडेक्स भी माना जाता था जो मंदी की आहट से भी भली-भांति परिचित करवा देता था। आज हम आपको अपनी खबर में कुछ ऐसे इंडेक्स के बारे में बताएंगे जो देश की अर्थव्यवस्था के बारे में काफी कुछ कहते थे।
जानिए इन इंडेक्स के बारे में-
लिपस्टिक इंडेक्स-
इस तरह का इंडेक्स हाल ही के कुछ वर्षों में चर्चा में रहा था। इस इंडेक्स का इस्तेमाल आर्थिक मंदी की आशंका को भांपने के लिए किया जाता था। काफी सारे आर्थिक शोध बतलाते हैं कि जब किसी देश की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में होती है तो महिलाएं कपड़े ज्यादा खरीदती हैं। वहीं इसके उलट मंदी के हालात में महिलाओं के बीच लिपस्टिक की मांग तेज हो जाती है। यानी किसी देश में अगर लंबे समय से लिपस्टिक की मांग जोर पकड़ रही होती है तो वहां लंबे समय से विद्यमान मंदी का अनुमान लगा लिया जाता है। ऐसा आमतौर पर इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं को हरदम आकर्षक रहना अच्छा लगता है और मंदी के हालात में भी आकर्षक दिखने की चाह में वो लिपस्टिक खरीदना ही मुनासिब समझती हैं। माना जाता है कि मंदी के दौर में महिलाओं के बीच कपड़े, जूते और पर्स की खरीदारी के बजाए लिपस्टक का क्रेज तेज हो जाता है। मंदी के दौर में लिपस्टिक की सेल अचानक से तेज हो जाती है।
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