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कॉल ड्रॉप से निजात के लिए कंपनियों को स्पेक्ट्रम भागीदारी की अनुमति

नई दिल्ली: सरकार ने दूरसंचार नेटवर्क को जाम से निजात दिलाने के लिए कंपनियों को समान बैंड में स्पेक्ट्रम भागीदारी की अनुमति दे दी है। माना जा रहा है कि इससे कॉल ड्रॉप की समस्या

PTI
Updated : August 13, 2015 14:33 IST
सरकार ने दूरसंचार...
सरकार ने दूरसंचार कंपनियों के बीच स्पेक्ट्रम भागीदारी की अनुमति दी

नई दिल्ली: सरकार ने दूरसंचार नेटवर्क को जाम से निजात दिलाने के लिए कंपनियों को समान बैंड में स्पेक्ट्रम भागीदारी की अनुमति दे दी है। माना जा रहा है कि इससे कॉल ड्रॉप की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। कंपनियों को स्पेक्ट्रम को लीज करने या पट्टे पर देने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, स्पेक्ट्रम के व्यापार के नियमों पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस क्षेत्र में एकीकरण के लिए इसे आवश्यक माना जा रहा है।

 

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्पेक्ट्रम भागीदारी दिशानिर्देशों को मंजूरी दी गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने इसके लिए सिफारिशें दी थीं। बयान में कहा गया है कि सरकार ने स्पेक्ट्रम की दक्षता और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की प्रतिबद्धता के तहत यह मंजूरी दी है। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण है।

बयान में कहा गया है कि स्पेक्ट्रम की भागीदारी की तभी अनुमति होगी जबकि दोनों लाइसेंसी कंपनियों के पास समान बैंड में स्पेक्ट्रम होगा। स्पेक्ट्रम को लीज करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा दोनों इकाइयों द्वारा ऐसा स्पेक्ट्रम रखने, जिसके लिए बाजार मूल्य का भुगतान कर दिया गया है, में भी भागीदारी की अनुमति होगी। किसी बैंड में समूचे स्पेक्ट्रम पर स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क (SUC) लगेगा। सभी अधिशेष स्पेक्ट्रम (टे्रडेड स्पेक्ट्रम सहित) की भागीदारी की जा सकेगी। अभी तक दूरसंचार आपरेटरों को मोबाइल टावर जैसे ढांचे की भागीदारी की अनुमति थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद दूरसंचार कंपनियां अपने बिना इस्तेमाल वाले स्पेक्ट्रम की भागीदारी कर सकेंगी जिससे नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार होगा और परिचालन की लागत घटेगी। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भागीदारी के बाद सभी लाइसेंसी के लिए एसयूसी की दर कुल सकल राजस्व (एजीआर) का 0.5 प्रतिशत बढ़ जाएगी।

हालांकि, मार्च, 2013 की नीलामी में हासिल 800 मेगाहर्ट्ज (सीडीएमए) के स्पेक्ट्रम की भागीदारी की अनुमति तभी होगी जबकि ताजा नीलामी मूल्य और मार्च, 2013 के नीलामी मूल्य में अंतर का इस्तेमाल के अधिकार की शेष अवधि के लिए भुगतान कर दिया गया हो। बयान में कहा गया है कि स्पेक्ट्रम भागीदारी सिर्फ दो लाइसेंसी के बीच सीमित रहेगी। इसके लिए शर्त यह होगी कि समान बैंड में कम से कम दो स्वतंत्र नेटवर्क हों। स्पेक्ट्रम के लिए तय सीमा दोनों लाइसेंसी के लिए अलग-अलग लागू होगी।

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