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रिटायरमेंट के बाद उठाएं SCSS का लाभ

जब आप किसी संस्थान से रिटायर होते हैं तो पीएफ, ग्रेच्युटी, अवकाश के नकदीकरण के रूप में आपको एकमुश्त अच्छी खासी रकम मिलती है। इस दौरान सबसे बड़ी उलझन यह होती है कि आखिर इस

S K Dev
Updated on: May 30, 2015 14:08 IST
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जानिए कैसे रिटायरमेंट के बाद उठाएं SCSS का लाभ ?

जब आप किसी संस्थान से रिटायर होते हैं तो पीएफ, ग्रेच्युटी, अवकाश के नकदीकरण के रूप में आपको एकमुश्त अच्छी खासी रकम मिलती है। इस दौरान सबसे बड़ी उलझन यह होती है कि आखिर इस रकम को कहां निवेश किया जाए। निवेश का विकल्प भी ऐसा हो जिसमें कोई जोखिम न हो। चूंकि रिटायरमेंट के बाद आपकी नियमित आय बंद हो जाती है इसलिए निवेश का विकल्प ऐसा होना चाहिए जिसमें समय-समय पर आमदनी भी होती रहे। इसके लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है। यह खाता डाकघर और प्रमुख बैंकों में खुलवाया जा सकता है। इस योजना में 60 साल की आयु के बाद निवेश किया जा सकता है। यह एक सरकारी योजना है जिसमें ब्याज की घोषणा वित्त वर्ष की शुरुआत में की जाती है। एससीएसएस को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर को 9.2 से बढ़ाकर सालाना 9.3 फीसद कर दिया है।

क्या है एससीएसएस

इस योजना में निवेश की शुरुआत महज 1000 रुपए से कर सकते हैं। आगे 1000 रुपए के गुणांक में निवेश को बढ़ा सकते हैं। इस योजना में अधिकतम 15 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं। इस खाते की परिपक्वता अवधि पांच साल यानी 60 माह है। जो लोग वीआरएस जैसी योजनाओं के तहत 55 साल की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं, विभिन्न शतरे को पूरी करने के बाद वह भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं। रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इस योजना में निवेश के लिए आयु सीमा में विशेष रियायत दी गई है। एचयूएफ और एनआरआई को इस योजना में निवेश की अनुमति नहीं है। यह खाता व्यक्तिगत या पति-पत्नी के साथ संयुक्त रूप से भी खोला जा सकता है।

आकषर्क ब्याज
इस योजना में ब्याज दर की घोषणा पीपीएफ और एनएससी जैसी बचत योजनाओं की तरह वित्त वर्ष के शुरुआत में की जाती है। एससीएसएस में फिलहाल सालाना 9.3 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इस योजना में ब्याज का भुगतान तिमाही के आधार पर किया जाता है। इस खाते में यदि आपने 15 लाख रुपए जमा किए हैं तो आपको प्रति तिमाही 34875 रुपए ब्याज के रूप में मिलेंगे। ब्याज का भुगतान मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर तिमाही की अंतिम तिथि को किया जाता है। ब्याज की रकम को आप अपने बचत खाते में ईसीएस के जरिए ट्रांसफर कराने का विकल्प भी चुन सकते हैं। डाकघर में अग्रिम चेक और मनीआर्डर प्राप्त करने का भी विकल्प मिलता है। इस खाते को एक वर्ष के बाद बंद कराया जा सकता है लेकिन पांच साल से पहले बंद कराने पर पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है।

नामिनी का विकल्प
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेशक एक या एक से अधिक नामिनी दर्ज करा सकता है। यदि आप चाहें तो खाते की अवधि के दौरान बीच में पुराने नामिनी का नाम निरस्त करा सकते हैं। इसके अलावा बीच में भी किसी नए नामिनी का नाम दर्ज कराया जा सकता है। भविष्य में तमाम तरह के झंझटों से बचने के लिए हर खाताधारक को कम से कम एक नामिनी का नाम जरूर दर्ज कराना चाहिए।

खाते का विस्तार
एससीएसएस खाते को तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। खाताधारक को इसके लिए फार्म बी भरकर आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया पांच साल की मैच्योरिटी की तिथि से एक साल पहले पूरी करनी होगी। यह फार्म आपको डाकघर या बैंक से मिल जाएगा। इस फार्म को इंटरनेट के जरिए डाउनलोड भी किया जा सकता है। ध्यान रखें, यदि खाताधारक मैच्योरिटी पर खाता बंद नहीं कराता है या फिर इसे आगे के लिए नहीं बढ़ाता है तो ऐसे खाते को मैच्योर मान लिया जाएगा। मैच्योरिटी की तिथि के बाद उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

आयकर में राहत
एससीएसएस में निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत कर छूट का प्रावधान किया गया है। यदि एक वित्त वर्ष में अर्जित ब्याज की राशि 10,000 रुपए से अधिक है तो उस पर टीडीएस की कटौती की जाती है। अंतिम आयकर का भुगतान खाताधारक के स्लैब के अनुसार किया जाएगा। जो लोग आयकर के दायरे में नहीं आते वह निर्धारित फार्म जमा करके टीडीसी की कटौती से बच सकते हैं।

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