नई दिल्ली: सरकार ने वरिष्ठ वकील और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बड़े भाई अरूण पी साठे को पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल में नियुक्त किया जिससे प्रमुख पदों पर राजनीतिक मनोनयन के बारे में सवाल उठने लगे हैं। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि साठे को तीन साल के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अंशकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है।
माना जाता है कि साठे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक सदस्य रहे हैं और उन्होंने 1989 में मुंबई उत्तर-पश्चिम से कांग्रेस सदस्य सुनील दत्त के खिलाफ भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, हालांकि इसमें उनकी हार हुई थी। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब सरकार द्वारा भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्था (एफटीआईआई) समेत विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों में कथित तौर पर राजनीतिक आधार पर नियुक्तियों पर सवाल उठ रहे हैं। साठे की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई जबकि सेबी में एक और पद खाली है और इसके अध्यक्ष यू के सिन्हा का मौजूदा कार्यकाल कुछ महीनों में खत्म होने वाला है। वित्त मंत्रालय की 28 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा गया कि यह नियुक्ति सेबी अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई है जो सरकार को इस प्रमुख नियामक संस्था के निदेशक मंडल में पांच सदस्यों को नामित करने का अधिकार देता है।
गौरतलब है कि आरबीआई और सेबी जैसी कई नियामकीय संस्थाओं में बहुत सी जगहें खाली होने वाली हैं और सरकार को इन रिक्त पदों पर नियुक्ति करनी है।
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