Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिज़नेस
  3. करवा रहे हैं बीमा तो रखे इन बातों का विशेष ख्याल

करवा रहे हैं बीमा तो रखे इन बातों का विशेष ख्याल

नई दिल्ली: पैसे बचाने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी सबसे पसंदीदा ऑप्शन है। समय के साथ साथ लोग इसके उदेश्य से डगमगा गए हैं। अब इसे इन्‍वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल

India TV Business Desk
Updated on: June 01, 2015 10:40 IST
करवा रहे हैं बीमा तो...- India TV Hindi
करवा रहे हैं बीमा तो रखे इन बातों का विशेष ख्याल

नई दिल्ली: पैसे बचाने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी सबसे पसंदीदा ऑप्शन है। समय के साथ साथ लोग इसके उदेश्य से डगमगा गए हैं। अब इसे इन्‍वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

आइए जानते है जीवन बीमा लेते वक्त किन बातों का रखे ख्याल-

1. फाइनेंशियल एक्सपर्ट के अनुसार अपना बीमा कवर 8-12 गुना ज्यादा रखें ताकि भविष्य में योजनाओं को प्लान करना आसान हो जाए। इसके लिए आप एक या एक से अधिक पॉलिसी भी ले सकते है।

2. आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप हर साल डेढ़ लाख रुपए तक के प्रीमियम के भुगतान पर डिडक्‍शन का लाभ उठा सकते हैं और मैच्योरिटी होने पर मिलने वाले आपके पैसे टैक्स फ्री होते है।

3. जीवन बीमा पॉलिसी के फायदे उठाने के लिए आपको उनकी कुछ शर्तें पूरी करनी होती है। पहली शर्त यह है कि 50,000 से अधिक का प्रीमियम चेक बीमा कंपनियों को ऑनलाइन ट्रांसफर करें। अगर बीमा कवर सालाना प्रीमियम के 10 गुना से कम है तो न आपको प्रीमियम भुगतान पर डिडक्‍शन का लाभ मिलेगा और न ही मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा टैक्‍स-फ्री होगा। यह ही नहीं बल्कि मैच्योरिटी पर मिलने वाले पैसे पर आपको टीडीएस देना होगा।

4. कभी भी इस भ्रम में न रहें की बीमा पॉलिसी टैक्स बचाने का एक मात्र जरिया है। धारा 80सी के तहत स्मॉल सेविंग के अन्य ऑपशन भी उपलब्ध है जिनकी सीमा डेढ़ लाख रुपए है। निवेश से पूर्व धारा 80सी की अन्य ऑपशन्स को देखलें और अपनी जरूरत अनुसार निवेश करें।

5. प्रकाश प्रहराज, मैक्‍स सिक्‍योर फाइनेंशियल सर्विसेज के संस्‍थापक और चीफ फाइनेंशियल प्‍लानर के मुताबिक लाइफ इंश्‍योरेंस के लिए टर्म इंश्‍योरेंस लेना बेहतर है ताकि अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों के अनुसार नया टर्म इंश्‍योरेंस लेकर कवर में इजाफा कर सकते है।

6. प्‍लान रिटर्न के नजरिए से एंडोमेंट, यूलिप और मनी बैक अच्‍छे विकल्प नहीं हैं। एंडोमेंट प्‍लान पर रिटर्न चार से छह फीसदी मिलता है जो कि कई बैंकों के सेविंग एकाउंट के बराबर होता है।

7. प्रहराज ने बताया कि यूलिप में पारदर्शिता की कमी है। यहां, कहां निवेश कर रहे हैं और रिटर्न कितना मिला है, बाजार स्थिति को देखते हुए यूलिप के फंड के इन्‍वेस्‍टमेंट पोर्टफोलियो में किस प्रकार का बदलाव किया जा रहा है, फंड का बेंचमार्क क्‍या है, जैसी जानकारियां उपलब्‍ध नहीं होती हैं।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement