मुंबई: शेयर बाजार नियामक सेबी ने कहा कि उसे जिंस बाजार नियामक FMC का सेबी में प्रस्तावित विलय सितंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
सेबी चेयरमैन यू.के. सिन्हा ने बोर्ड बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, हम अंतरों का मूल्यांकन (सेबी-एफएमसी में) कर रहे हैं। हम सितंबर के अंत तक जिम्मेदारी (वायदा बाजार की) ग्रहण करने में समर्थ होंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के लिए बजट भाषण में FMC का सेबी में विलय की घोषणा की थी। इससे नियमन को दुरस्त करने और जिंस बाजार में भारी अटकलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। वहीं दूसरी ओर, घरेलू एवं विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी सुगम होगी।
सेबी के निदेशक मंडल विलय पर प्रगति का आज जायजा लिया और इस प्रक्रिया में सामने आ रहे मुद्दों पर चर्चा की।
मुंबई स्थित मुख्यालय वाले वायदा बाजार आयोग (MFC) की स्थापना एक सांविधिक निकाय के तौर पर वायदा अनुबंध (नियमन) कानून के तहत 1953 में की गई थी और यह उपभोक्ता मामलों के अधीन था। लेकिन 2013 में इसे वित्त मंत्रालय के अधीन ला दिया गया।
शुरआत में MFC केवल क्षेत्रीय जिंस एक्सचेंजों का नियमन करता था और 2000 में राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के उदय के बाद नियामक की भूमिका का विस्तार किया गया।