नई दिल्ली: पी-नोट्स पर आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने गुरुवार कहा कि इन वित्तीय उत्पादों पर रातों-रात प्रतिबंध लगाये जाने का कोई इरादा नहीं है और वह इस बात की जांच कर रही है कि खुलासों को कैसे सुधारा जाए। यह बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि कालाधन पर गठित विशेष जांच दल :एसआईटी: ने पूंजी बाजार नियामक सेबी से पार्टिसिपेटरी नोट्स :पी-नोट्स: पर अपने नियमन की समीक्षा करने और अंतिम रूप से इसका उपयोग करने वालों की पहचान करने को कहा है।
राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, पी-नोट्स पर रातों-रात प्रतिबंध लगाने का किसी का इरादा नहीं है। एसआईटी की रिपोर्ट में यह रेखांकित किया गया है कि पी-नोट्स नियमन में आगे सुधार की जरूरत है।
एसआईटी ने विदेशी निवेशकों में लोकप्रिय पी-नोट्स के मनी लांड्रिंग मकसद से दुरूपयोग की आशंका को लेकर चिंता जतायी है। दास ने कहा कि सरकार पी-नोट्स के बारे में एसआईटी की सिफारिशों पर रिजर्व बैंक तथा सेबी के साथ विचार-विमर्श कर रही है। सचिव ने कहा कि अपने विचार को अंतिम रूप देने के लिये विदेशी संस्थागत निवेशकों से भी बात करेगी।
उन्होंने कहा कि साथ ही सरकार इस बात पर गौर करेगी कि पी-नोट्स के लिए KYC जरूरतों में सुधार कैसे किया जाए। पिछले महीने, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि सरकार पी-नोट्स के खिलाफ किसी भी कदम से विदेशी निवेश पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अवगत है।
कालेधन पर गठित एसआईटी ने इस प्रकार के निवेश उपायों पर कड़े नियमों का सुझाव दिया है। इससे पी-नोट्स के मामले में कड़े कदम उठाये जाने की आशंका से शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी।
दास ने कहा, कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले विदेशी निवेशकों, वित्तीय संस्थानों तथा अन्य संबंधित पक्षों से बातचीत की जाएगी। एसआईटी की सिफारिशों पर सावधानीपूर्वक सोच विचारकर निर्णय किया जाएगा।