Monday, November 04, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिज़नेस
  3. राजन ने अंधाधुन्ध आर्थिक वृद्धि के खतरे को लेकर आगाह किया

राजन ने अंधाधुन्ध आर्थिक वृद्धि के खतरे को लेकर आगाह किया

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अंधाधुन्ध गति से तीव्र वृद्धि को लेकर आगाह किया और ब्राजील से सीख लेने को कहा। हाल तक ब्राजील की वृद्धि दर उंची रही लेकिन अब वह आर्थिक

Agency
Updated on: September 19, 2015 12:55 IST
राजन की सलाह, ब्राजील...- India TV Hindi
राजन की सलाह, ब्राजील से सीख ले भारत

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अंधाधुन्ध गति से तीव्र वृद्धि को लेकर आगाह किया और ब्राजील से सीख लेने को कहा। हाल तक ब्राजील की वृद्धि दर उंची रही लेकिन अब वह आर्थिक समस्याओं से ग्रस्त हैं जिससे एस एंड पी ने उसका दर्जा घटाकर कबाड़ :जंक: श्रेणी में डाल दिया है। एक समय मजबूत आर्थिक वृद्धि के लिये प्रशंसा पा चुका दक्षिण अमेरिकी देश अब बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कर्ज, भ्रष्टाचार, कंपनियों के डूबने तथा फंसे कर्ज की समस्या से ग्रस्त है। राजन ने ब्राजील की मौजूदा समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि वृद्धि सही रास्ते से प्राप्त करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, कुछ साल पहले तक दुनिया फलते-फूलते लोकतंत्र, मजबूत आर्थिक वृद्धि तथा असमानता दूर करने के मामले में शानदार प्रगति को लेकर सराहना कर रही थी। यहां सी के प्रहलाद व्याख्यानमाला में राजन ने कहा, 2010 में उसकी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही....इसके बावजूद इस साल 3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है और उसके कर्ज की रेटिंग को कम कर कबाड़ श्रेणी में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि बही-खाते को बहुत दूर तक खींचना टिकाउ वृद्धि का रास्ता नहीं है। 

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि इसका प्रदर्शन काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब विकसित अर्थव्यवस्था वृद्धि के लिये संघर्ष कर रही हैं, भारत तूफान वाले समुद्र में सापेक्षिक रूप से एक शांत द्वीप वाला देश बना हुआ है। उन्होंने कहा, अब दुनिया के अन्य देशों को देखें, यह अच्छी तस्वीर नहीं दिखाती। कुछ अपवाद को छोड़कर औद्योगिक देश अभी भी वृद्धि के लिये संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में भारत तूफान वाले समुद्र में सापेक्षिक रूप से एक शांत द्वीप वाला देश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों में भी ब्राजील समेत चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका गहरी समस्या से जूझ रहे हैं। 

राजन ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को अधिक पूंजी आकर्षित करने में मदद कर रहा है लेकिन ऐसी इकाई को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर शुरू करना जोखिम भरा कदम है। उन्होंने कहा कि एआरसी के मामले में पूंजी जुटाने में मदद की जा रही है। राजन ने यह संकेत दिया कि रिजर्व बैंक उस उपबंध को संशोधित करने के लिये गंभीर है जो एक प्रवर्तक का एआरसी में मालिकाना हक को प्रतिबंधित करता है। 

ये भी पढ़ें - जानिए रिजर्व बैंक क्यों नहीं छाप रहा बड़े नोट?

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement