नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को लेकर आत्मसंतोष के प्रति आज चेताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की ऊंची वृद्धि दर के रास्ते सुधारों में ढांचागत अड़चन बन रही चीजों पर कड़े फैसले टाले नहीं जाने चाहिए। यहां वार्षिक फाइबैक सम्मेलन में बैंकों को राजन ने बताया कि हमें अपने आप को इस बहकावे में नहीं रखना चाहिए कि हमारा काम हो गया आने वाले कल के लिए कठिन निर्णय टाले नहीं जाने चाहिए। हमारी अर्थव्यवस्था संभावनाओं से भरी है।
वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद समस्या के लिए 2008 के संकट के बाद विकसित देशों व केन्द्रीय बैंकों द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए अपनाए गए अल्पकालिक उपाय को जिम्मेदार ठहराते हुए राजन ने कहा कि आज विश्व अर्थव्यवस्था की जो नाजुक स्थिति है उसकी वजह दीर्घकालीन सुधारों के बजाय फौरी तौर पर समाधान है।
राजन ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने जो प्रगति हासिल की, उससे हमें आगे के ढांचागत सुधारों से दूर नहीं होना चाहिए। हमारे देश को लेकर काफी आशावादी चीजें हैं जिसमें ढांचागत क्षेत्र में आ रहा व्यापक निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी में जबरदस्त बदलाव एवं वित्तीय क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय बदलाव शामिल हैं।