नई दिल्ली: एक स्टडी के अनुसार स्मार्टफोन व टैबलेट आधारित गेम बच्चों में शुरआती पढ़ने लिखने की योग्यता और गणनात्मक कौशल बढ़ा सकते हैं। यह स्टडी क्वालकॉम वायरलैस रीच और सिसेम वर्कशाप इन इंडिया ने करावाया है। यह स्टडी 5-8 साल के बच्चों पर आधारित है।
इसके अनुसार इस तरह के गेम खेलने से उनके सीखने संबंध प्रदर्शन सुधरता है साथ ही स्टडी के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर अध्यापकों के रख पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
यह अध्ययन दिल्ली व बिहार में 57 स्कूलों के 4500 बच्चों पर आधारित है। इसके अनुसार, गेम खेलने वाले सभी बच्चों में, बच्चियों में गणनात्मक कौशल में लड़कों की तुलना में 1.5 गुना अधिक सुधार हुआ।
नहीं करते सीनियर सिटीजन्स स्मार्टफोन्स का ज्यादा इस्तेमाल: स्टडी
वहीं कुछ समय पहले एक स्टडी में ये बात सामने आई थी कि बढ़ती उम्र में लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम कर देते है। स्टडी के मुताबिक भारत में 50 साल से अधिक आयु के लोगो में महज 6 फीसदी लोग ही ऐसे हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। यह बात नौरवे की टेलीनॉर ग्रुप की ओर से कराई गई एक स्टडी में सामने आई है।
गौर करने वाली बात यह है कि भारत में 50 साल से अधिक आयु के सिर्फ 1 फीसदी लोग ऐसे है जो मोबाइल में इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। चार एशियन मार्केट के रिसर्च डेटा के मुताबिक सीनियर सिटिजन्स पूर्ण रूप से इंटरनेट सेवा का लाभ नहीं उठाते।
'The unconnected senior citizens of Asia' स्टडी के लिए भारत, थाइलैंड, बांग्लादेश और मलेशिया के कस्टमर्स का डेटा लिया गया है। इस स्टडी से यह सामने आया है कि वरिष्ठ नागरिकों के सेगमेंट में केवल 2 फीसदी ऐक्टिव यूजर्स है, जिसमें से स्मार्टफोन्स न के बराबर लोगों के पास है।
डेमोग्रैफिक विभाजन से यह पता चला है कि सिर्फ 10 फीसदी यूनीनौर के सब्सक्राइबर्स 45 साल से अधिक आयु के है। जबकि भारत के कुल मोबाइल यूजर्स में से 6 फीसदी लोग 50 साल से अधिक आयु के है।
टैलानौर ग्रुप के कार्यकारी वी पी सिग्वे ब्रेक और एशियन ऑपेरेशन्स के मुताबिक यह बहुत चिंताजनक बात है कि वरिष्ठ नागरिक एशियन बाजार में इन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा रहे।
इंटरनेट कनेक्टिवीटी न सिर्फ आज के युवाओॆ के लिए है बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी उतनी ही जरूरी है। यह सिविक पार्टीसिपेशन के लिए भी अहम है।