नई दिल्ली: भारतीय कंपनियों पर वेतन पैकेज के मामले में अपने चहेतों को तरजीह देने का आरोप लग रहा है। एक सर्वे में 90 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि उनके संगठन में एक ही भूमिका और स्तर के लिए वेतन में कोई समानता नहीं है। जॉबबज डॉट इन के सर्वे के अनुसार कर्मचारियों का मानना है कि कंपनियां बाहर से नियुक्त किए गए कर्मचारियों तथा अपने पसंसदीदा लोगों को ज्यादा वेतन देते हैं। जॉब बज डाट इन, टाइम्स जाब्स डाट काम का नियोक्ता रेटिंग प्लेटफार्म है।
टाइम्स जॉब्स डॉट कॉम के मुख्य परिचालन अधिकारी विवेक मधुकर ने कहा, नियोक्ताओं को जो असमानताएं हैं, उसे दूर करने की जरूरत है तथा गलत धारणा को कुशलता से सुधारने की जरूरत है क्योंकि इसका सीधा असर कामकाज, उत्पादकता और कंपनी के प्रति लगाव पर पड़ता है।
सर्वे में कहा गया है कि करीब 40 प्रतिशत पेशेवर मानते हैं कि वेतन में असमानता का कारण बाहर से नियुक्त किए व्यक्तियों को ज्यादा भुगतान करना है जबकि 35 प्रतिशत का मानना है कि प्रबंधकों को अपने पंसदीदा लोगों को तरजीह देने से वेतन में असामनता है। केवल 5 प्रतिशत ने कहा कि असमानता का कारण व्यक्ति विशेष का बेहतर प्रदर्शन है। मधुकर ने कहा, कंपनियों के लिए यह जरूरी है कि वे वेतन मानक सर्वे कराएं और अपने कार्यबल के बीच वेतन पैकेज में जो असामातना है, उसे दूर करे इससे उनके कामकाज और प्रेरणा के स्तर में सुधार होगा और वे नियोक्ता की उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन कर सकेंगे।