नई दिल्ली: बढ़ते भारी दबाव और लगातार फेल होते सैंपल दर सैंपल के कारण नेस्ले इंडिया ने भारतीय बाजारों से अपने मैगी के स्टॉक को हटाने का फैसला किया है। बॉलीवुड के दिग्गज सितारों को अपनी चपेट में ले चुका मैगी प्रकरण अब नया मोड ले चुका है। लेड और ग्लूटामेट की मात्रा ने मैगी को इस कदर मजबूर कर दिया है कि अब शायद ही मैगी के दीवानों के भारत में इसकी खुशबू तक नसीब हो।
मैगी के उत्पाद को पूरी तरह सुरक्षित होने पर जोर देते हुए कंपनी ने एक बयान में कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि हालिया घटनाक्रमों और उत्पादों के बारे में आधारहीन चिंताओं के कारण उपभोक्ताओं के लिए भ्रम का माहौल बना हुआ है। इस स्थिति मं हमने दुकानों से इस उत्पाद को वापस लेने का फैसला किया है। हम वादा करते हैं कि जैसे कि मौजूदा हालात को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, विश्वसनीय मैगी नूडल्स बाजार में वापस आएगा।” खाद्य सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के बीच दिल्ली के बाद चार और राज्यों गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर तथा उत्तराखंड ने भी मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही कई राज्यों ने मैगी के साथ ही अन्य ब्रांड के नूडल्स पर भी रोक लगा दी है।
दरअसल मैगी दावा करती है कि उसके नूडल्स में लैड यानी शीशे की मात्रा 2.5 पीपीएम तक ही होती है जबकि जांच में इसे 17 के स्तर तक पाया गया। मैगी के बुरे दिन तब शुरू हुए जब बाराबंकी जिले के फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर वी के पांडे ने बाजार से मैगी का एक पैकेट खरीदा। उन्होंने इसकी जांच की और इसमें लेड खतरनाक स्तर पर पाया गया। इसके बाद होली के दौरान भी इसकी एक बार जांच की गई। इन जांच के नमूनों को गोरखपुर और फिर कोलकाता भेजा गया। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि मैगी के सैंपल में लेड और ग्लूटामेट खतरनाक स्तर पर हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद बाराबंकी जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन से इस मामले में केस चलाने की स्वीकृति मांगी जिसे मंजूरी दे दी गई।
मैगी विवाद: जांच रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र कार्रवाई करेगा
शिमला, चार जून :भाषा: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगतप्रकाश नड्डा ने आज कहा कि मैगी के नमूनों की जांच रिपोर्ट मिल जाने के बाद केंद्र उचित कार्रवाई करेगा। नड्डा ने यहां कहा, केंद्र ने राज्यों से कहा था कि वे मैगी के नमूने लें और एक जून तक रिपोर्ट भेजें। परंतु नमूनों की जांच में समय लगता है। कई राज्यों से रिपोर्ट नहीं मिली हैं। हम आज शाम तक रिपोर्ट मिलने की उम्मीद करते हैं। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उधर, हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक कस्बे तहलीवाल में डीलरों और उत्पादकों से मैगी के 19 नमूने लिए गए हैं। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। राज्य में इसकी जांच की पर्याप्त सुविधा नहीं है इसलिए नमूने पड़ोस के राज्यों में भेजे गए हैं।
मैगी में अब तक क्या क्या-
दिल्ली में 15 दिन के लिए मैगी पर बैन लग चुका है।
तेलांगना और पंजाब में भी मैगी के सैंपल लिए जा चुके हैं।
केरल, उत्तराखंड, मुंबई, गुजरात और राजस्थान में मैगी जब्त कर इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मैगी के खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना की कैंटीन में भी मैगी के पैकेट्स पर बैन लग चुका है।
फ्यूचर ग्रुप वाले बिग बाजार ने भी फैसला किया है कि जब तक की मैगी को सुरक्षित नहीं बताया जाता उनके किसी आउटलेट्स में इसकी बिक्री नहीं होगी।
वहीं दिल्ली समेत केंद्र सरकार की ओर से संचालित केंद्रीय भंडारों में भी मैगी नहीं बेचने का फैसला किया गया।