नई दिल्ली: मैगी पर प्रतिबंध से कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर असर पड़ने के बीच नेस्ले इंडिया के नए प्रमुख सुरेश नारायणन ने आज कहा कि इस इंस्टैंट नूडल ब्रांड को बाजार में वापस लाना उनकी प्राथमिकता है। कंपनी ने मामले में संबद्ध विभागों से सुलह की दिशा में कदम बढ़ाया है।
कंपनी ने उन क्षेत्रों की भी पहचान की है और उन चुनौतियों से निपटने के लिए नए उत्पाद पेश करने की संभावना पर भी विचार कर रही है जिनकी वजह से उसे पिछले तीन दशक में पहली बार किसी तिमाही में नुकसान उठाना पड़ा है। पांच दिन पहले नेस्ले इंडिया के प्रबंध निदेशक का पद संभालने वाले नारायण ने यहां संवाददाताओं से कहा पहला काम है मैगी को वापस लाना। मैं जिस पर ध्यान दे रहा हूं यह उसका महत्वपूर्ण हिस्सा है।
संबंधित विभागों से सहयोग की मांग करते हुए उन्होंने कहा मेरी और मेरे सहयोगियों की कोशिश है कि प्रशासन के साथ सम्मान, सहयोग और समर्थन के साथ काम करें मैं किसी प्रकार का विवाद नहीं चाहता हूं। उन्होंने कहा नेस्ले इस देश का हिस्सा है। हम इस देश का हिस्सा बने रहेंगे क्योंकि हम यहां पिछले 100 साल से देश के कानून और सभी प्रशासकीय विभाग का सम्मान करते आ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम समाधान ढूंढ लेंगे और आगे बढ़ सकेंगे।
उन्होंने हालांकि, मैगी के बाजार में लौटने के संबंध में कोई अंदाजा लगाने से इनकार किया और कहा कि यह मामला अभी अदालत में है क्योंकि नेस्ले इंडिया ने केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई द्वारा मैगी पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। नारायणनन ने कहा कि मैगी पर प्रतिबंध के कारण पूरा कारोबारी खंड प्रभावित हुआ है और पूरी प्रणाली :आपूर्ति श्रृंखला, विर्मिाण और वितरण सब थम गया है। प्रतिबंध के कारण मैगी को जून तिमाही में 64.40 करोड़ रुपए का एकल घाटा हुआ। तीन दशक में यह उसका पहला तिमाही घाटा था।