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कन्ज्यूमर कोर्ट में मैगी के खिलाफ मुकदमा स्वीकार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से मैगी नूडल्स की निर्माता कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) पर किए गए 640 करोड़ रुपए के मुकदमे को सोमवार को शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत

IANS
Updated : August 17, 2015 16:15 IST
Nestle इंडिया पर 640 करोड़...
Nestle इंडिया पर 640 करोड़ रुपए का मुकदमा कन्ज्यूमर कोर्ट में स्वीकार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से मैगी नूडल्स की निर्माता कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) पर किए गए 640 करोड़ रुपए के मुकदमे को सोमवार को शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। न्यायमूर्ति जे.के. जैन और न्यायमूर्ति बी.सी. मेहता की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) की पीठ ने इस मामले में मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में मैगी नूडल्स की नई जांच के नतीजे को भी देखने की बात कही।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद कहा, "अदालत ने ताजा व सीलबंद नमूने मांगे हैं, जिनकी जांच मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में की जाने वाली है। आगे की कार्रवाई उपभोक्ता मामलों के मंत्रायल द्वारा तय की जाएगी।"

उपभोक्ता मामलों से संबंधित विभाग ने 11 अगस्त को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में नेस्ले इंडिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा उस पर मैगी को लेकर अनुचित व्यापार तरीके अपनाने और हानिकारक एवं त्रुटिपूर्ण उत्पादों की बिक्री के जरिए लाखों उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।

बंबई उच्च न्यायालय से पिछले सप्ताह नेस्ले इंडिया को बड़ी राहत देते हुए इसके विविध नौ इंस्टैंट नूडल की बिक्री पर लगी रोक हटी ली थी और तीन अलग-अलग प्रयोगशालाओं में नए सिरे से मैगी की जांच कराने के आदेश दिए थे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसके उत्पाद देश के खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं या नहीं।

न्यायालय ने यह सशर्त राहत नेस्ले इंडिया द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं भारत मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर पांच जून को 'मैगी इंस्टेंट नूडल्स' और 'मैगी ओट्स मसाला नूडल्स विद टेस्टमेकर' के नौ प्रकारों पर रोक लगाने और बाजार से माल वापस लेने के आदेश को चुनौती दिए जाने के बाद दी थी।

एफएसएसएआई ने मैगी पर रोक से संबंधित अपने पांच जून के आदेश में कहा था कि मैगी के नमूनों की जांच में निर्धारित मात्रा से अधिक लेड (सीसा) और मोनो सोडियम ग्लूटामेट मिला है।

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