लंदन। दुनिया के 12 टॉप मेट्रोपोलिटन शहरों में मुंबई ऐसे शहर के रूप में उभरकर सामने आया है, जो रहने और काम करने के लिहाज से सबसे सस्ता शहर है। कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को लंदन, हांगकांग और न्यूयॉर्क में रहने के लिए घर देना दुनिया में सबसे महंगा है। Savills वर्ल्ड रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडेक्स में सबसे सस्ता शहर मुंबई है, जहां कर्मचारियों के रहने का खर्च 29,088 डॉलर सालाना है। 2008 की तुलना में इसमें केवल 2.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं शंघाई में रहने का खर्च 15.6 फीसदी बढ़कर 38,089 डॉलर हो गया है।
कैसे तैयार हुआ इंडेक्स
इंडेक्स तैयार करने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष घर और ऑफिस के संयुक्त किराये की गणना की गई है। इस गणना से पता चला कि लंदन में 2015 में औसत लागत 118,425 डॉलर है। यह इंडेक्स 2008 में पहली बार लॉन्च किय गया था और तब से अब तक लंदन में यह खर्च 20.7 फीसदी बढ़ चुका है।
2.4 फीसदी हुई वृद्धि
पिछले सात साल में मुंबई में रहने और काम करने की औसत लागत दिसंबर 2008 के 28,394 डॉलर प्रति वर्ष से बढ़कर जून 2015 में 29,088 डॉलर प्रति वर्ष हो गई है, लेकिन अन्य वैश्विक शहरों की तुलना में मुंबई में जो वृद्धि हुई है वह काफी कम है।
सैविल्स वर्ल्ड रिसर्च के डायरेक्टर योलांदे बैम्स ने कहा कि कर्मचारियों के रहने के लिए लंदन, हांगकांग और न्यूयॉर्क दुनिया के सबसे महंगे शहर हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई की रियल एस्टेट कॉस्ट काफी मंहगी है और यह औसत जीडीपी की पांच गुना है, इसकी तुलना में लंदन और न्यूयॉर्क की रियल एस्टेट कॉस्ट जीडीपी की क्रमश: दो और डेढ गुना है।