नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज कहा कि अमेरिका में ब्याज दर में बढ़ोतरी से सीमित मुद्रा भंडार वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम बढ़ेगा। साख निर्धारण एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से उन उभरती अर्थव्यवस्थओं के लिए पूंजी निकासी और निवेशकों के रुझान से जुड़े जोखिम बढ़ेंगे जिनका मुद्रा भंडार और नीति का दायरा सीमित है। इस साल उभरती अर्थव्यवस्थाओं के शेयर बाजारों में हुई बड़ी गिरावट आंशिक तौर पर फेडरल रिजर्व की पहल संबंधी आशंकाओं के कारण हुई। मूडीज ने कहा कि इस गिरावट में जिन अन्य कारकों का योगदान रहा उनमें चीन की वृद्धि में नरमी और जिंस निर्यातकों के लिए निर्यात आय में गिरावट आदि शामिल रहे। उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व आज नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकता है जो 2008 के संकट के दौर से अब तक शून्य के करीब है।
मूडीज (Moody's) ने कहा कि हालांकि वैश्विक स्तर पर जिंस मूल्य में कमी और पूंजी प्रवाह में संभावित उतार-चढ़ाव कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौती हैं लेकिन मुद्रा-भंडार और नीतिगत सतर्कता से विभिन्न देशों की साख पर नकारात्मक असर सीमित हो सकता है। ऐंजसी ने कहा सबसे अधिक प्रभावित होने वाले उभरते बाजारों में ब्राजील, रूस, तुर्की और कुछ हद तक दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल होंगे जिनमें घरेलू चुनौतियों ने विनिमय दर तथा वित्तीय बाजार की स्थिरता में योगदान किया और जहां वाह्य झटकों से उबरने एवं वृद्धि को सुरक्षा प्रदान की नीतिगत गुंजाइश अपेक्षाकृत कम है।