नई दिल्ली: एसएनबी के अधिकारिक आंकड़ों में विभन्न देशों की अलग-अलग इकाइयों के नाम से स्विस बैंकों में जमा राशि का संकेत नहीं मिलता है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में दूसरों के माध्यम से रखा गया धन इस समय रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर आ गया है। सात साल पहले यह अरबों डालर में होता था।
एसएनबी के आंकड़ों के मुताबिक स्विस बैंकों में अमेरिकी इकाइयों द्वारा जमा की जाने वाली राशि लगातार दूसरे साल बढ़ी और 2014 के अंत में यह राशि 244 अरब स्विस फ्रांक थी। ऐसा स्विस बैंकों के खिलाफ अमेरिकी प्राधिकारों द्वारा कड़ी पहल के बावजूद है।
वर्ष के दौरान कई अन्य देशों की ओर से जमा राशि बढ़ी है जिससे स्विट्जरलैंड के बैंकिंग संस्थानों में विदेशी ग्राहकों द्वारा जमा की गयी े वाली कुल राशि में बढ़ोतरी हुई। ऐसे देशों में ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और काफी संख्या में अन्य यूरोपीय देश शामिल हैं।
चीन के लोगों के खातों में कुल राशि 6.7 अरब स्विस फ्रांक से बढ़कर 8.1 अरब स्विस फ्रांक रही जबकि पाकिस्तानी ग्राहकों के खातों में 10.14 लाख स्विस फ्रांक बढ़कर 123.6 करोड़ स्विस फ्रांक हो गई। इससे पहले 2012 और 2011 में स्विस बैंकों में भारतीय धन में बढ़ोतरी हुई थी। गौरतलब है कि 2006 के अंत में स्विस बैंकों में कुल भारतीय धन 6.5 अरब स्विस फ्रांक था।
स्विस बैंकों में विश्व भर के कुल ग्राहकों की कुल राशि 2005 के अंत तक 2,900 अरब स्विस फ्रांक थी जो एक रिकार्ड है जबकि अमेरिकी मुद्रा डालर में इसका सर्वोच्च स्तर 2007 में दर्ज किया गया जब यह राशि 2.4 अरब डालर के बराबर थी। भारत सरकार कहती आ रही है कि वह विदेशों में जमा गैरकानूनी धन को वापस लाने के लिए विभिन्न किस्म के प्रयास कर रही है। स्विस बैंकों की कुल परिसंपत्ति भारत में 4,600 अरब स्विस फ्रांक रही जिसमें से स्विट्जरलैंड के दो बड़े बैंकों की परिसंपत्ति करीब 3.6 अरब स्विस फ्रांक है।