नई दिल्ली: राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन के एम मणि ने कहा कि यदि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक अभी पारित नहीं होता है, तो इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को अप्रैल, 2016 से लागू करना काफी मुश्किल होगा। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि यदि संविधान संशोधन विधेयक को शीतकालीन सत्र तक आगे बढ़ाया जाता है, तो इसे 1 अप्रैल से लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने जीएसटी विधेयक के बारे में सवाल पर कहा, मुझे उम्मीद है कि यह विधेयक चालू सत्र में ही पारित हो जाएगा। अन्यथा शीतकालीन सत्र है। राज्यसभा में कांग्रेस के हंगामे की वजह से इस विधेयक को चर्चा के लिए पेश नहीं किया जा सका।
यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी विधेयक के शीतकालीन सत्र में पारित होने पर जीएसटी के लागू होने में देरी होगी, मणि ने कहा, क्रियान्वयन काफी मुश्किल होगा। हालांकि, हम इससे उबरने का प्रयास करेंगे और इसे 1 अप्रैल, 2016 से लागू करने की कोशिश करेंगे। इससे पहले दिन में मणि ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। उन्होंने से कहा, वित्त मंत्री ने कहा है कि जीएसटी सर्वोच्च प्राथमिकता है।