नई दिल्ली। आपने अब तक अगर अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो जल्दी कीजिए। आज वित्त वर्ष 2014-15 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख है। इस वर्ष सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए जरूरी फार्म को देरी से जारी किया था जिसकी वजह से हर बार की तरह इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया था। आज अंतिम तारीख के बाद अगर कोई करदाता इनकम टैक्स रिटर्न भरता है तो उस पर पेनल्टी लगती है।
खबर इंडियाटीवी ने अपने पाठकों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने से जुड़ी तमाम छोटी पड़ी जानकारियों को एक सिरीज FACTS OF TAX के जरिए पहुचाया था।
आप यहां क्लिक करके इस सिरीज तक पहुंच सकते हैं।
ध्यान दें आपको कौन से फॉर्म पर भरना है इनकम टैक्स रिटर्न
ITR FORMS
ITR1 (सहज)
अगर किसी इंडिविजुअल को सैलेरी, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए या ब्याज से आमदनी होती है तो यह फॉर्म भरें। कोई भी व्यक्ति जिसे बिना बिक्री के कर मुक्त आय (कृषि के अलावा 5 हजार से ऊपर की आय) हो रही है, तो वो आईटीआर 1 (शाहजी) फॉर्म भर सकता है।
ITR 2A
अभी तक के नियमों के मुताबिक इंडीविजुअल और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली की घर संबंधी और पूंजीगत लाभ के जरिए होने वाली कमाई पर आईटीआर-2 फॉर्म भरना जरूरी होता था। हालांकि यह देखा गया है कि इंडीविजुअल और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली से जुड़ा कोई भी सदस्य जो आईटीआर-2 फॉर्म भरता है उसके पास पूंजीगत लाभ नहीं होता है। इस लिहाज से फॉर्म को सरल करते हुए इस तरह के इंडीविजुअल और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली मेंबर के सदस्यों के लिए नया आईटीआर-2ए फॉर्म जारी किया गया है।
ITR2
ऐसे इंडिविजुअल और HUF जिन्हें सैलेरी, पेंशन, एक से ज्यादा प्रोपर्टी से किराए, कैपिटल गेन, Income from other sources में लॉटरी और रेसिंग से हुई आमदनी भी शामिल होती है।
ITR3
फर्म के ऐसे साझेदार जिन्हें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए से होने वाली इनकम
ITR4
जिन लोगों को बिजनस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही हो।
ITR4s (सुगम)
बिजनेस में जिनका टर्नओवर 1 करोड़ से कम हो, Business presumptives taxation rules के दायरे में जो भी आता हो।
ITR5
इस फॉर्म का इस्तेमाल हर टैक्सपेयर करता है। मैन्युली रिटर्न भरते वक्त इस फॉर्म को साथ जमा कराना होता है।
पिछले साल सीबीडीटी ने यह नियम बनाया था कि जिन लोगों की सालाना एग्जेंप्ट इनकम 5 हजार रुपए से ज्यादा है, उन्हें आईटीआर 1 नहीं, आईटीआर 2 भरना होगा। पीपीएफ का ब्याज, डिविडेंड आदि को एग्जेंप्ट इनकम माना जाता है।
नए ITR फॉर्म में भरने होंगे सिर्फ तीन पेज, जानिए कैसे भरेंगे आप, जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
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