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कम जोखिम में कमाना हो ज्यादा मुनाफा तो स्वैप है सटीक रास्ता

नई दिल्ली: ऐसे में जब देश-दुनिया भर के कमोडिटी बाजार की हालत पतली है, घरेलू एवं विदेशी समीकरणों ने बाजार में उहापोह की स्थिति पैदा कर दी है और बाजार के हालात के मद्देनजर निवेशकों

India TV Business Desk
Updated on: June 17, 2015 15:00 IST
कम जोखिम में कमाना हो...- India TV Hindi
कम जोखिम में कमाना हो ज्यादा मुनाफा तो स्वैप है सटीक रास्ता

नई दिल्ली: ऐसे में जब देश-दुनिया भर के कमोडिटी बाजार की हालत पतली है, घरेलू एवं विदेशी समीकरणों ने बाजार में उहापोह की स्थिति पैदा कर दी है और बाजार के हालात के मद्देनजर निवेशकों में में घबराहट का माहौल है हम आपको अपनी खबर में स्वैप रेश्यो के जरिए कम जोखिम के साथ ज्यादा मुनाफे वाले निवेश की रणनीति के बारे में बताएंगे। तो सबसे पहले जानिए क्या है स्वैप ट्रेडिंग।   

स्वैप ट्रेडिंग-

परपस्पर विरोधी मूलभूत गुणों वाली दो कमोडिटी पर एक समय में एक साथ निवेश करना स्वैप ट्रेडिंग कहलाता है। आसान शब्दों में समझे तो अगर बाजार का किसी कमोडिटी पर सकारात्मक असर बनता है तो जाहिर तौर पर इसका दूसरी कमोडिटी पर नकारात्मक असर पड़ेगा यानी आपको कम जोखिम के साथ ज्यादा मुनाफे के मौके मिल जाते हैं। यानी जिसमें लाभ होगा आप उसमें खरीदारी करेंगे और दूसरी जिसमें घाटा हो रहा है आप उसमें बिकवाली करने की कोशिश करेंगे।

मान लीजिए देश में इस साल जीडीपी को अच्छी ग्रोथ मिली है और इससे बेस-मेटल और क्रूड की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ साथ सोने की कीमतों में गिरावट का माहौल है तो बेस-मेटल और क्रूड की मांग तो बढ़ेगी लेकिन लोगों के पसंदीदा सोने की मांग में कमी भी देखने को मिलेगी। ऐसी स्थिति में स्वैप के जरिए सोने में बिकवाली और कॉपर और क्रूड में खरीदारी की रणनीति बनाकर अच्छे मुनाफे की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि आपको यह ध्यान देना होगा कि स्वैप में खरीददारी और बिकवाली का सौदा किस कमोडिटी में किया जाए। इस निर्णय में दो कमोडिटी के बीच का कोट भी कारोबारी के लिए मददगार साबित हो सकता है।

अगली स्लाइड में पढ़िए क्या हैं स्वैप ट्रेडिंग के फायदे

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