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सिर्फ जरूरी काम के लिए लें पर्सनल लोन

यदि आप किसी नामचीन संस्थान से जुड़े हुए हैं तो आपके पास पर्सनल लोन के लिए आफर आते होंगे। कई बार लोग खास जरूरत न होने पर भी लोन ले लेते हैं लेकिन इसकी ईएमआई

S K Dev
Updated on: May 30, 2015 14:55 IST
पर्सनल लोन लेने से...- India TV Hindi
पर्सनल लोन लेने से पहले ध्यान रखे ये बातें, नहीं होगी कोई चूक

यदि आप किसी नामचीन संस्थान से जुड़े हुए हैं तो आपके पास पर्सनल लोन के लिए आफर आते होंगे। कई बार लोग खास जरूरत न होने पर भी लोन ले लेते हैं लेकिन इसकी ईएमआई चुकाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि कर्ज लेने में कोई बुराई नहीं लेकिन आखिर हम कर्ज किस काम के लिए रहे हैं और यह कितना जरूरी है, इसका आकलन करना बहुत जरूरी है। यदि आपको पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत है तो इसके लिए पर्सनल लोन अच्छा विकल्प है क्योंकि यह लोन बिना किसी जमानत के मिल जाता है जिसका भुगतान आपको किस्तों में करना होता है। आमतौर पर युवा वर्ग अपने शौक-मौज पूरे करने के लिए यह लोन सबसे ज्यादा लेता है जो क्रेडिट कार्ड के बाद सबसे ज्यादा महंगा कर्ज होता है। इस कर्ज को लेना जितना आसान होता है यह आपके घरेलू बजट में उतनी ही ज्यादा मुश्किल पैदा कर सकता है। इसके बावजूद लोग मजबूरी में पर्सनल लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। यदि पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए होमवर्क जरूर करें।

क्या है व्यवस्था

पर्सनल लोन देने से पहले बैंक और वित्तीय संस्थान कुछ जरूरी जानकारी हासिल करते हैं। आमतौर पर बैंक नियमित मासिक आय, कंपनी की साख और आपके लेनदेन के आधार पर लेन देते हैं। यह कर्ज एक निश्चित अवधि के लिए दिया जाता है। पर्सनल लोन की अधिकतम समय सीमा सात साल तक की हो सकती है। पर्सनल लोन पर ब्याज की दरें बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा तय की जाती हैं। कोई व्यक्ति किस कार्य के लिए पर्सनल लोन ले रहा है, बैंक इस बिंदु पर ज्यादा गौर नहीं देते। आजकल बाजार में फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन खरीदने से लेकर घूमने-फिरने तक के लिए लोन का विकल्प है। ग्राहक के कुछ जरूरी कागजातों की जांच करने के बाद बैंक पर्सनल लोन मंजूर कर देते हैं।

ब्याज की गणना
बैंकों के लिए पर्सनल लोन ज्यादा जोखिम बाला होता है। इसीलिए इस कर्ज पर ब्याज दरें सुरक्षित लोन की तुलना में काफा ज्यादा होती हैं। पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कर्ज की अवधि पर निर्भर करती हैं। आप जितनी ज्यादा अवधि के लिए कर्ज लेंगे, उतना  ही ज्यादा ब्याज लगेगा। स्पष्ट शब्दों में कहें तो एक साल के कर्ज पर तीन साल के कर्ज की तुलना में कम ब्याज लगता है। प्राय: लोग कम ईएमआई के लिए लंबी अवधि का विकल्प चुन लेते हैं और ज्यादा भुगतान करते हैं। पर्सनल लोन पर ब्याज की गणना तीन प्रकार से की जाती है। इसमें फ्लैट, फ्लोटिंग और रिड्युसिंग रेट शामिल हैं। फ्लैट रेट के अन्दर आपका ब्याज पूरे समय के लिए फिक्स्ड होता है जो आपको हर साल देना होता है। इसमें सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप जो भुगतान कर देते हैं उससे ब्याज का कोई संबंध नहीं होता। रिड्युसिंग के विकल्प में बकाया राशि पर ब्याज लगता है जो फायदेमंद होता है। पर्सनल लोन पर ब्याज की दरें बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करती हैं। जिस बैंक में आपकी सेलरी जाती हैं, वहां से आपको सस्ता कर्ज मिल सकता है।

ईएमआई का आकलन
यदि आप कोई कर्ज ले रहे हैं तो सबसे पहले अपनी पुनभरुगतान की क्षमता का आकलन करें। अक्सर लोग यही जानने की कोशिश करते हैं कि उनको अपनी आय के आधार पर बैंक अधिकतम कितना कर्ज दे सकता है। लेकिन आपको सिर्फ अपनी आय-व्यय का आकलन करके अपनी क्षमता के अनुसार ही कर्ज लेना चाहिए। इस मूल मंत्र की अनदेखी करने पर आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। इसीलिए कोई भी कर्ज लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके कर्ज की ईएमआई समय पर जाती रहे।  यदि आपने हाल ही में कर्ज लिया है तो इसके चुकता करने के लिए अपने खर्चो में कुछ कटौती कर सकते हैं ताकि कोई समस्या पैदा न हो। यदि आपने एक कर्ज ले रखा है तो कोशिश करें कि इस दौरान कोई दूसरा कर्ज न लें।

सस्ते कर्ज का विकल्प
विभिन्न बैंकों के पर्सनल लोन की ब्याज दरों में काफी अंतर होता है। इसलिए लोन लेने से पहले कम से कम तीन बैंकों से संपर्क करें। यदि आपके पास कोई पुरानी एफडी, एनएससी या जीवन बीमा पालिसी है तो उस पर सस्ता कर्ज मिल जाता हैं। यदि आपने ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लिया है तो सस्ते कर्ज के विकल्प की तलाश करते रहें। यदि कोई दूसरा बैंक आपको कम ब्याज दर पर कर्ज देने को तैयार हो तो आप अपना लोन उस बैंक में शिफ्ट कर दें। यदि आपके क्रेडिट कार्ड पर बकाया भुगतान है तो सबसे पहले उसे चुकाएं क्योंकि क्रेडिट की बकाया रकम पर लगने वाला ब्याज सबसे अधिक होता है। यदि आप इन बिंदुओं पर गौर करेंगे तो कर्ज के जाल में फंसने से बच सकते हैं।

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