हांगकांग: नीतिगत ब्याज दर में इस समय कटौती की जरूरत की मजबूत वकालत करते हुए वित्त मंत्री ने आज कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के मामले में मौद्रिक नीति अहम भूमिका निभाती है और उन्हें उम्मीद है कि इस मोर्चे पर जवाबदेही के बोध के साथ केंद्रीय बैंक उपयुक्त कदम उठाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रघुराम राजन 29 सितंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने वाले हैं। इस साल अब तक केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में तीन बार 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लेकिन उद्योग जगत कारोबार को गति देने के लिए ब्याज दर में और कटौती की मांग कर रहा है ताकि पूंजी की लागत कम हो सके।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि रिजर्व बैंक 29 सितंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती करेगा, जेटली ने कहा, ऐतिहासिक रूप से रिजर्व बैंक एक बेहद जिम्मेदार संस्थान रहा है अब, ऐसे व्यक्ति के रूप में जो कि चाहता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर अग्रसर हो और घरेलू मांग बढ़े, मैं चाहूंगा कि नीतिगत दरें नीचे आये।
उन्होंने कहा, लेकिन यह जिम्मेदारी रिजर्व बैंक को मिली हुई है, मुझे भरोसा है कि वे देश और देश के बाहर की गतिविधियों से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। रिजर्व बैंक जिम्मेदारी के साथ उपयुक्त कदम उठाएगा। जेटली ने कहा, मुझे विश्वास है कि गवर्नर तथा उनके सहयोगियों के साथ रिजर्व बैंक इस मामले में कोई संतुलित निर्णय करेंगे। चार दिन की यात्रा के दूसरे चरण में सिंगापुर से यहां पहुंचे वित्त मंत्री ने कहा कि मौद्रिक नीति की आर्थिक वृद्धि को गति देने में अहम भूमिका है। वह यहां निवेशकों के साथ बैठक के लिये आये हैं।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से यह काम करता है क्योंकि हम भारत में मौद्रिक नीति लक्ष्य तय करते हैं और हम इस समय उस लक्ष्य के अंतर्गत हैं और इसीलिए रिजर्व बैंक इसका ध्यान रखेगा। जेटली ने कहा, ऐसे क्षेत्र हैं जिस पर इसका प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए रीयल एस्टेट भारत की वृद्धि को गति दे सकता है पर यह क्षेत्र उंची ब्याज दर से प्रभावित हुआ है। इसीलिए अगर नीतिगत दर अगले साल तक नीचे आती है, निश्चित रूप से यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें विकास की काफी संभावना है।
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