नई दिल्ली: इसे मंदी के हालात कहें या कुछ और मगर घरेलू उड़ानों से लेकर अंतर्रराष्ट्रीय सेवाओं में सिर्फ इंडिगो एयरलाइन्स ही इकलौती कंपनी है जो मुनाफा कमा रही है। फिर चाहे एयरइंडिया हो, स्पाइसजेट या फिर GoAir इन सभी के वित्तीय हालात इंडिगो के मुकाबले पस्त है। हम अपनी खबर में आपको आंकड़ों के चश्मे से बताने की कोशिश करेंगे की स्थिति क्या है।
बाजार हिस्सेदारी
अगर आंकड़ों से समझाया जाए तो साल 2014 के मुकाबले 2015 में इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 33.6 फीसदी से बढ़कर 38.9 फीसदी तक बढ़ गई है। वहीं अगर जेट कि बात की जाए तो साल 2014 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 18.4 फीसदी थी जो कि साल 2015 में 18.3 फीसदी हो गई। एयरइंडिया की साल 2014 में 17.5 फीसदी थी जो साल 2015 में 15.8 फीसदी हो गई। स्पाइसजेट का साल 2014 में 14.9 फीसदी थी जो साल 2015 में 11.7 फीसदी हो गई।
यात्री इजाफे के हालात
अगर साल दर साल विमानन कंपनियों की सेवाओं में बढ़ने वाले सात्रियों की बात करें तो यहां पर भी इंडिगो सब पर भारी नजर आता है। आंकड़ें कहते हैं कि नवंबर 2014 से मई 2015 तक इंडिगो में 64.2 फीसदी यात्री संख्या का इजाफा हुआ है। वहीं अगर जेट की बात की जाए तो इसमें 17.6 फीसदी और एयरइंचिया में 8.1 फीसदी की बढ़त हुई है जो इंडिगो के मुकाबले काफी कम है। वहीं स्पाइसजेट में 3.1 फीसदी की कमी देखी गई है।
वित्तीय स्थिति
अगर वित्तीय स्थिति यानी शुद्ध मुनाफे की बात करें तो भी इंडिगो के आस पास तक कोई नहीं है। जब ऐसे में सभी एयरलाइन्स के हालात खराब है उस स्थिति में भी सिर्फ दो कंपनियां मुनाफा कमाती दिख रही हैं। GoAir और इंडिगो हालांकी इंडिगो GoAir से काफी आगे है।