लीमा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शनिवार को कहा है कि यदि भारत तेज विकास चाहता है तो उसे सुधारों का अगला चरण शुरू कर देना चाहिए। इतना ही नहीं तेज और ज्यादा समावेशी विकास हासिल करने के लिए उसे अपने कारोबारी माहौल को और आसान बनाने के लिए और सुधार करने चाहिए। इससे पहले आईएमएफ साल 2015 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर 7.5 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर चुका है।
क्या कहना है आईएमएफ का
आईएमएफ ने कहा है कि भारत में हाल में कई तरह के नीतिगत कदम उठाए गए हैं लेकिन आगे खासकर ऊर्जा, खनन और बिजली सेक्टरों के साथ श्रम और उत्पाद बाजार सुधारों में लंबित आपूर्ति अवरोधों को दूर करने की दिशा में कदम उठाए जाने के साथ तेज तथा समावेशी विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए कारोबारी माहौल में सुधार जरूरी है।
घटाया विकास अनुमान
आईएमएफ ने 2015 में भारत की विकास दर में मामूली कमी करते हुए इसे 7.5 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है और 2016 के लिए विकास दर को 7.5 फीसदी ही रखा है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत में चालू आर्थिक रिकवरी ठोस घरेलू मांग पर टिकी है। उपभोक्ता और कारोबारी भावना में बेहतरी के साथ उम्मीद है कि शुरुआती निवेश रिकवरी विकास को आगे ले जाने में और ज्यादा योगदान देगा।
चीन में आई मंदी का बड़ा असर
आईएमएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में आई तेज गिरावट का नकारात्मक असर केवल विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर ही नहीं बल्कि शेष एशिया प्रशांत क्षेत्र में भी काफी पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार का झटका सुधारों को पूर्णतय: लागू करने में असफलता या वित्तीय झटकों के कारण लग सकता है, जो घरेलू वित्तीय नुकसान को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों को कम प्रभावी बना सकते हैं।