पेरिस: भारत और अन्य उभरते बाजारों में विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या से अगले 20 साल में करीब 5,000 अरब डालर के विमानों की मांग का सृजन होगा और विमानन उद्योग में 2034 तक विमानों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
भारत में घरेलू विमानन यातायात के इस अवधि में करीब छह गुना बढ़ने का अनुमान है जिससे यह वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाला बाजार बन जाएगा। जबकि एयरबस ने मुंबई एवं दिल्ली हवाईअड्डों की पहचान विश्व भर में सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले हवाईअड्डे के तौर पर की है।
पेरिस अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रदर्शनी में वैश्विक बाजार अनुमान जारी करते हुए एयरबस ने कहा 1914 में विश्व की पहली वाणिज्यिक उड़ान शुरू हुई थी। उसके बाद अब सालाना 3.2 करोड़ उड़ानों का परिचालन हो रहा है। विमानन सेवाएं हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, हर साल तीन अरब यात्रियों के साथ पांच करोड़ टन माल की डुलाई विमानों से की जा रही है। अनुमान है कि विमानन उद्योग वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 2,400 अरब डालर का योगदान करता है।