नई दिल्ली: दिग्गज जर्मन कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन आज 4 वजहों से चर्चा में है। डीजल कारों में इमिशन टेस्ट को गलत बताने वाले सॉफ्टवेयर को लगाने के कारण 18 बिलियन डॉलर का जुर्माना भर चुकी कंपनी की मुश्किलें अभी भी थमती नहीं दिख रही हैं। कंपनी को नया सीईओ को मिलने के बाद राहत मिलने की संभावनाएं बढ़ी थीं, लेकिन सीईओ के कुर्सी संभालते ही स्कैडल का आकार और भी विकराल रुप ले चुका है।
कंपनी ने बदल दिया सीईओ-
फॉक्सवैगन की डीजल गाड़ियों का इतना बड़ा स्कैम सामने आने के एक दिन बाद ही मार्टिन विंटरकॉर्न ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद कंपनी ने पोर्शे के चेयरमैन मैथियास मुलर को फॉक्सवैगन ग्रुप का सीईओ बना दिया। जर्मनी के वोल्सबर्ग स्थित कंपनी के हेडक्वार्टर में सुपरवाइजरी बोर्ड की एक बैठक में तय किया गया कि 62 साल के मुलर को तत्काल प्रभाव से फॉक्सवैगन ग्रुप का सीईओ नियुक्त किया जाएगा। हालांकि मुलर पोर्शे के चेयरमैन भी तब तक बने रहेंगे जब तक कि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं मिल जाता।
स्टाफ ने पहले ही किया था आगाह-
एक साल पहले फॉक्सवैगन के ही एक कर्मचारी ने इमिशन टेस्ट को चकमा देने वाले सॉफ्टवेयर के चलते कंपनी को आगामी संकट के बारे में चेताया था। बीते रविवार को दो जर्मन अखबारों ने इस दावे को प्रमुखता से छापा। बीते 78 सालों में ऑटोमोबाइल सेक्टर का सबसे बड़ा स्कैंडल था जिसने न सिर्फ कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाया बल्कि इसने मेड इन जर्मनी की साख पर भी बट्टा लगा दिया।
सीईओ के आते ही स्कैम का आकार बढ़ा-
पहले दावा किया गया था कि फॉक्सवैगन की 11 मिलियन डीजल गाड़ियों में ऐसा सॉप्टवेयर लगाया गया है जो इमिशन टेस्ट के सही नतीजे पेश नहीं करता, इसमें से करीब 4 लाख 82 हजार कारों की बिक्री अमेरिका में हुई थी। अभी मुलर कुर्सी पर बैठे ही थे कि जर्मनी के पर्यटन मंत्रालय ने यह बयान देकर सबको चौंका दिया कि अकेले जर्मनी में ही करीब 2.8 मिलियन कारों में खामी पाई गई है। जर्मनी के परिवहन मंत्रालय की तरफ से आया यह बयान इसलिए चौंकाता है कि जब जर्मनी में ही यह स्कैम इतने भयावह आंकड़े दिखा रहा है तो पूरी दुनिया के इस स्कैम की बड़ी तस्वीर सामने आ सकती है।
स्कैम की जांच भारत में शुरु 30 को आएगी रिपोर्ट-
फॉक्सवैगन की डीजल गाड़ियों में धांधली की जांच अब भारत में भी शुरु हो गई है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने आईईईएमए के एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमने एआरएआई से इस मामले में जांच और बुधवार (30 सितंबर) तक अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है।’ गीते ने कहा कि भारत में इमिशन नार्म्स अन्य देशों के मुकाबले थोड़ा अलग हैं लेकिन अगर कंपनी दोषी पाई जाती है तो उचित कार्यवाही में वक्त नहीं लगाया जाएगा। आपको बता दें कि भारत में भी फॉक्सवैगन की डीजल गाड़ियों की अच्छी खासी मांग रहती है।
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