नई दिल्ली: तारीख तो याद ही होगी न आपको। 31 अगस्त 2015। यह आईटीआर भरने की अंतिम तारीख है। ऐसे में जब अभी कुछ दिन शेष बचे हैं तो आपको कुछ खास बाते बताना जरूरी है। हम अपनी खबर के जरिए आपको बताएंगे कि आप जब अपना आईटीआर भरें तो टीडीएस की जानकारी देना न भूलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी टैक्सेबल इनकम का साइज छोटा हो जाएगा जो आपको काफी हद तक राहत देगा। आपको बता दें कि अब नए आयकर नियमों के हिसाब से अब आप पिछले छह सालों के टीडीएस कटौती का रिफंड भी क्लेम कर सकते हैं।
क्या है टीडीएस ?
ITR फाइलिंग के दौरान हर किसी का इस शब्द से सरोकार होता होगा। टीडीएस आयकर को आंकने का तरीका होता है। टीडीएस की कटौती होती है। टीडीएस किसी व्यक्ति के कुल बैलेंस से काटा जाता है। फिर इसे आपके नाम पर इनकम टैक्स विभाग में जमा करा दिया जाता है। आप इसे आयकर रिटर्न भरते समय क्लेम कर सकते हैं।
ऐसे निकालिए अपना टीडीएस वैल्यू
दो स्थितियां समझकर आप अपने टीडीएस की गणना कर सकते हैं
पहला उदाहरण -
मानिए किसी वित्त वर्ष आपकी अर्जित आय में टैक्सेबल इनकम 50 हजार रुपए है। वहीं दूसरी ओर किसी A नाम की फर्म ने आपका भुगतान करते समय 20 हजार रुपए की कटौती की है। वहीं B नाम की किसी दूसरी फर्म ने आपको भुगतान करते समय कुल राशि से 25 हजार रुपए की टीडीएस कटौती की है। कुल टीडीएस कटौती हुई 45 हजार रुपए। आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 50 हजार रुपए है उसमें से 45 हजार कम कर दीजिए। यानी अब आपको कुल 5 हजार रुपए ही इनकम टैक्स अदाएगी करनी होगी।
दूसरा उदाहरण –
मानिए आपकी कुल आय में करयोग्य इनकम 40 हजार रुपए है। वहीं किसी दो फर्म ने आपको भुगतान करते हुए 45 हजार रुपए राशि की टीडीएस कटौती की है। तो वित्त वर्ष के आखिर में आईटीआर भरते समय आप कुल 5 हजार रुपए का टीडीएस क्लेम कर सकते हैं। यानी जो 40 हजार रुपए टीडीएस में कट चुके हैं उनपर आपको कोई भुगतान नहीं करना होगा।
ऐसे करें आवेदन
ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो वहां आपको टीडीएस की जानकारी देने के लिए कॉलम मौजूद होता है। इसमें आप अपनी सभी जानकारी फीड करके अपनी रिफंडेबल इनकम के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर टीडीएस कटौती आपकी टैक्सेबल इनकम का 10 फीसदी है तो इस पर 6 फीसदी का ब्याज भी मिलेगा।