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मैगी विवाद पर सरकार नेस्ले के खिलाफ नहीं: पासवान

नई दिल्ली: नियामकीय कार्रवाई के चलते नेस्ले द्वारा अपने लोकप्रिय नूडल मैगी को बाजार से हटाए जाने के हफ्तों बाद खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि सरकार स्विटजरलैंड की इस

PTI
Updated : July 22, 2015 13:50 IST
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मैगी विवाद पर सरकार नेस्ले के खिलाफ नहीं: पासवान

नई दिल्ली: नियामकीय कार्रवाई के चलते नेस्ले द्वारा अपने लोकप्रिय नूडल मैगी को बाजार से हटाए जाने के हफ्तों बाद खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि सरकार स्विटजरलैंड की इस खाद्य कंपनी के खिलाफ नहीं है बल्कि वह तो केवल शिकायत की जांच कर रही है।

पासवान का कहना है कि उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और मैगी विवाद से देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरकता पैदा हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सरकार किसी भी तरह के इंस्पेक्ट राज के खिलाफ है।

यहां खाद्य सुरक्षा से जुड़ी एक पहल की शुरआत के बाद पासवान ने संवाददाताओं से कहा, मैगी वाला मुद्दा एक अलग तरह का मामला है। डर की कोई बात नहीं। गड़बड़ी करने वाले कई हैं। कोई भी बड़ी कंपनी खराब गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद नहीं बेचना चाहती। किसी एक गलत घटना या उत्पाद का मतलब यह नहीं कि कंपनी ही खराब हो।

पासवान ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार FSSAI मैगी विवाद की जांच कर रहा है क्योंकि उसके उत्पाद के खिलाफ शिकायतें मिलीं थी। उन्होंने आगे कहा, अगर सरकार के ध्यानार्थ कुछ आता है तो उसे कार्रवाई करनी होगी। अगर एफएसएसएआई को किसी उत्पाद की शिकायत मिलती है तो उसे जांच करनी होगी। इसका मतलब यह नहीं कि कंपनी ही बुरी या

अच्छी है।
उपभोक्ता मामलात मंंत्रालय को भी मैगी नूडल के खिलाफ शिकायतें मिलीं थी इसलिए वह पहली बार नेस्ले इंडिया के खिलाफ सामूहिक मुकदमा क्लास एक्शन सुइट दायर कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर एफएसएसएआई कड़ी कार्रवाई करता है तो उसकी आलोचना होती है और अगर वह बाजार में खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है तो भी उसकी निंदा होती है। पासवान ने कहा हमारी प्राथमिकता उपभोक्ता स्वास्थ्य है। राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक हर कोई उपभोक्ता है। हम नहीं चाहते कि लोगों को खराब गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद खाने के कारण चिकित्सकों के पास जाना पड़े। मैगी प्रकरण के कारण देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरकता पैदा हुई है।

FSSAI को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से उपभोक्ता मामलात मंत्रालय में स्थानांतरित किए जाने की मांग पर  उन्होंने कहा, FSSAI एक स्वतंत्र नियामकीय निकाय है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आता है या उपभोक्ता मामलात मंत्रालय के। सरकार की मुख्य चिंता यह है कि FSSAI खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करे।

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य उत्पाद मिलें। वह चाहे मैगी हो या कोई अन्य उत्पाद, हम बाजार में भय पैदा नहीं करना चाहते। हम इंस्पेक्टर राज नहीं चाहते।

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