संसद के मॉनसून सत्र में जारी हंगामे के बीच सरकार ने आज राज्यसभा में GST बिल को पेश करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली बिल ने उच्च सदन में बिल पेश करने की कोश्ािश की थी, लेकिन भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को कल तक स्थगित कर दिया गया।
लेफ़्ट और कांग्रेस इसका GST बिल का जमकर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने सभी सांसदों से कहा है कि वह संसद में तब तक हंगामा जारी रखें, जब तक विवादों में फंसे तीनों बीजेपी नेताओं इस्तीफा न दे दें। साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि इस सत्र में जीएसटी को नहीं लाया जाना चाहिए था।
सत्र शुरू होने से ठीक पहले BJP संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'कुछ लोग संसद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, कुछ लोग देश की विकास रोकना चाहते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने SP सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने संसद में गतिरोध समाप्त करने के प्रयासों में मदद करने वाली पार्टियों की प्रशंसा की और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की उनके प्रयासों के लिए सराहना की।
लोकसभा में पारित हो चुका है GST बिल
गौरतलब है GST में केंद्र और राज्य के स्तर पर सभी अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। पिछले सत्र में इसे राज्यसभा की प्रवर समिति को भेज दिया गया। समिति ने ज्यादातर प्रावधानों पर सहमति देते हुए अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि, समिति ने राज्यों को मुआवजे और राज्यों द्वारा एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के उद्देश्य से आपूर्ति की परिभाषा में बदलाव का सुझाव दिया है। संसदीय मामलाों के राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने इस विधेयक में अड:गा लगाने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है, जबकि यह विधेयक कांग्रेस का ही विचार है। यह पूछे जाने पर कि क्या संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी विधेयक के पारित होने की संभावना नहीं है, रूड़ी ने कहा, अभी तो ऐसा ही लग रहा है।