Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिज़नेस
  3. मैगी ही नहीं और सैकड़ों प्रोडक्ट्स पर गिर चुकी है FSSAI की गाज

मैगी ही नहीं और सैकड़ों प्रोडक्ट्स पर गिर चुकी है FSSAI की गाज

नई दिल्ली:  लेड और ग्लूटामेट के पीपीएम स्तर को लेकर विवादों में आई नैस्ले की मैगी अब भारतीय बाजारों से वापसी की तैयारी कर रही है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मैगी को फटकार

India TV Business Desk
Updated on: June 17, 2015 15:25 IST

maggi

क्या था मैगी विवाद

दरअसल मैगी दावा करती है कि उसके नूडल्स में लैड यानी शीशे की मात्रा 2.5 पीपीएम तक ही होती है जबकि जांच में इसे 17 के स्तर तक पाया गया। मैगी के बुरे दिन तब शुरू हुए जब बाराबंकी जिले के फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर वी के पांडे ने बाजार से मैगी का एक पैकेट खरीदा। उन्होंने इसकी जांच की और इसमें लेड खतरनाक स्तर पर पाया गया। इसके बाद होली के दौरान भी इसकी एक बार जांच की गई। इन जांच के नमूनों को गोरखपुर और फिर कोलकाता भेजा गया। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि मैगी के सैंपल में लेड और ग्लूटामेट खतरनाक स्तर पर हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद बाराबंकी जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन से इस मामले में केस चलाने की स्वीकृति मांगी जिसे मंजूरी दे दी गई। इसके बाद मैगी के ब्रैंड एंबेसडर रह चुके अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रिटी जिंटा पर देश के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं, नेस्ले ने अपनी सफाई में कहा कि नूडल्स में केवल प्राकृतिक रूप से उत्पन्न ग्लूटामेट ही है। उसमें किसी भी तरह का कोई MSG इस्तेमाल नहीं किया गया है, जो कि अनुमति स्तर का एक प्रतिशत है।

केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर मैगी की गुणवत्ता खराब पाई गई तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर इसका प्रचार करने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है। यानी अगर मैगी के विज्ञापनों में कुछ धांधली पाई गई तो इसका प्रचार करने वालों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement