नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कहा कि स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा किए गए धन में आई कमी की वजह संभवत: सरकार द्वारा विदेशों में कालाधन वापस लाने के लिए उठाए जा रहे कदम हैं। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में लिखित में दिए एक जवाब में कहा, भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा धन में कमी आने की कई वजहें हो सकती हैं जिसमें सरकार द्वारा विदेशौं में जमा कालाधन के खिलाफ उठाए जा रहे कदम भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा धन में 2013 की तुलना में 2014 में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
सिन्हा ने कहा कि सरकार ने कालाधन के मुद्दे से निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं जिसमें एक जबरदस्त कानून बनाना ओर प्रशासनिक ढांचा तैयार करना शामिल है। सरकार की नीतिगत पहल में कालाधन पर कानून बनाना, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त जज के अधीन एक विशेष जांच टीम का गठन के अलावा बेनामी कानून लागू करना शामिल है।
कालेधन को लेकर एक बात स्पष्ट करना बेहद जरूरी है कि विदेश में खुलने वाला भारतीयों का हर एक खाता गैरकानूनी नहीं होता है। कुछ खाते कानूनी प्रक्रिया से गुजारकर भी खोले जाते हैं।
भारतीयों का हर विदेशी खाता गैर-कानूनी नहीं:
नियमों के मुताबिक स्विस बैंक में 18 वर्ष से ऊपर का हो चुका कोई भी व्यक्ति खाता खोल सकता है। हर खाता धारक की गहन जांच की जाती है और उसके बाद जब स्विस बैंक अनुमति दे देता है तभी आप खाता खोलने योग्य माने जाते हैं ऐसे में विदेश में भारतीयों का हर खाता गैरकानूनी नहीं होता है। अगर आप कानूनन अपने खाते में राशि जमा करते हैं और उसे टैक्स संबंधी प्रक्रियाओं से गुजारते हैं तो इस स्थिति में आपका खाता पूरी तरह से कानूनी होता है।
आपके लेन देन पर आरबीआई की पैनी नजर-
भारत से विदेश और विदेश से भारत पैसे भेजने और मंगाए जाने की पूरी प्रक्रिया पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कड़ी नजर रखता है। अगर आप हिंदुस्तान में रहकर विदेश में अपने किसी भी खाते में पैसा भेजते हैं और इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी आरबीआई को होती है। आरबीआई ने विदेशी बैंकों में रकम भेजने की राशि भी तय कर रखी है। यानी आप एक साल में सिर्फ 1.25 लाख डॉलर ही विदेश भेज सकते हैं इससे ज्यादा की रकम भेजने के लिए आपको आरबीआई को लिखित में सूचना देनी होती है और बताना होता है कि आप किस लिए इससे ज्यादा रकम भेजना चाहते हैं। आरबीआई की अनुमति के बाद ही आप ऐसा कर सकते हैं, ऐसे में हर खाते का गैरकानूनी होना जरूरी नहीं है।